गिलगित-बाल्टिस्तान में आतंकियों ने पाक मंत्री और पर्यटकों को रिहा किया

जिससे वहां फंसे यात्रियों को क्षेत्र से आवागमन की अनुमति मिल गई है।

Update: 2022-10-09 08:01 GMT

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के डायमेर स्थित चिलास के ठाक गांव के पास बाबूसर रोड पर फंसे एक वरिष्ठ मंत्री, कुछ यात्रियों और विदेशी पर्यटकों को आतंकवादियों ने अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद छोड़ दिया है। खबरों की मानें तो बातचीत के दौरान आतंकवादियों ने अधिकारियों को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। एक दिन पहले खबर आई कि पाकिस्तान की जेल में बंद अपने साथियों की रिहाई की मांग कर रहे आतंकवादियों ने एक मंत्री का अपहरण कर लिया है। मंत्री पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा को गिलगित-बाल्टिस्तान से जोड़ने वाले एक मुख्य मार्ग से जा रहे थे।


पाकिस्तानी अखबार डॉन ने सूत्रों के हवाले से कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान के मंत्री अब्दुल्ला बेग अपने बेटे के साथ गिलगित से इस्लामाबाद जा रहे थे। मुजाहिदीन गिलगित-बाल्टिस्तान और कोहिस्तान के कमांडर अब्दुल हमीद और हबीबुर रहमान के नेतृत्व में आतंकवादियों ने सड़क पर अवरोध लगा दिए जिससे दोनों तरफ के यात्री कई घंटों के लिए फंस गए। इसके बाद अधिकारियों के साथ राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने उग्रवादियों से मुलाकात की और वार्ता की।

आतंकियों की रिहाई की मांग
डायमेर के वार्ताकारों की टीम का नेतृत्व करने वाले पीएमएल-एन नेता फैजुल्ला फराक ने पाकिस्तानी अखबार को बताया कि आतंकवादियों के साथ बातचीत हुई और मंत्री बेग इसका हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की मुख्य मांग सरकार के साथ एक पुराने समझौते के तहत, उनके दर्जनों साथियों की अलग-अलग जेलों से रिहाई है। उनमें से कुछ नंगा पर्वत हत्याकांड में शामिल थे।

जेल से भागा खूंखार आतंकी
पुलिस ने 2013 में नंगा पर्वत क्षेत्र में 10 विदेशियों की हत्या के आरोप में गिलगित-बाल्टिस्तान के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हबीबुर रहमान सहित तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन दो साल बाद वह जेल से भागने में कामयाब रहा। रहमान का एक अन्य साथी जो भागने में विफल रहा, वर्तमान में पंजाब की जेल में है जिसका केस मिलिट्री कोर्ट में चल रहा है। जेल से भागने के बाद छह साल तक हबीबुर रहमान छिपता रहा। 7 जुलाई 2021 को रहमान को एक 'ओपन कोर्ट' चलाते और सोशल मीडिया पर इंटरव्यू देते देखा गया।

रहमान ने की 10 विदेशियों की हत्या
इंटरव्यू में हबीबुर रहमान ने 15 अन्य आतंकवादियों के साथ खुद को नायब अमीर (उप प्रमुख) और अब्दुल हमीद को मुजाहिदीन गिलगित-बाल्टिस्तान और कोहिस्तान का कमांडर बताया। 22 जून 2013 को नंगा पर्वत बेस कैंप के पास आतंकवादियों ने 10 विदेशियों और उनके गाइड की हत्या कर दी थी। इसके बाद एक एसएसपी और सेना के दो अधिकारियों की हत्या और शिया संप्रदाय के 19 बस यात्रियों की टारगेट किलिंग के बाद सरकार ने डायमेर में शांति बनाए रखने के लिए आतंकवादियों के साथ समझौता किया था। आतंकियों के साथ ताजा बातचीत के बाद बाबूसर रोड को फिर से खोल दिया गया है जिससे वहां फंसे यात्रियों को क्षेत्र से आवागमन की अनुमति मिल गई है।

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