ब्रिटेन। ब्रिटेन (Britain) में मंदी का संकट मंडरा रहा है। ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने आपात बजट पेश किया। दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अभी-अभी प्रधानमंत्री (Prime minister) नियुक्त हुए ऋषि सुनक इस संकट से निकलने का रास्ता कैसे निकालेंगे। वित्त मंत्री जेरेमी हंट द्वारा प्रस्तुत बजट में करों में भारी वृद्धि देखी गई है। बिजली कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया गया है जबकि इलेक्ट्रिक जेनरेटर (electric generator) पर 35 फीसदी का अस्थाई टैक्स लगाया गया है। इसके साथ ही टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव किए गए हैं। पूर्व प्रधान मंत्री लिज़ ट्रस ने आर्थिक संकट के कारण इस्तीफा दे दिया। ऋषि सुनक ने ऐलान किया था कि वो देश को इस संकट से निकालने की कोशिश करेंगे. हालांकि कहा जा रहा है कि सरकार उस दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन इस बात की कोई संभावना नहीं है कि 2024 तक अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन और कमोडिटी की कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। इसका असर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। ब्रिटिश सरकार द्वारा घोषित मंदी के बजट के साथ-साथ ओबीआर 'ऑफिस फॉर बजट रिस्पॉन्सिबिलिटी' रिपोर्ट भी जारी की गई है। अक्टूबर के महीने में ब्रिटेन में महंगाई दर 11.1 फीसदी हो गई। यह पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक दर बताई जा रही है। यह मंदी आम लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि आने वाले समय में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पर और असर पड़ सकता है।
Source : Hamara Mahanagar