पाकिस्तान ने मसूद अजहर की गिरफ्तारी के लिए अफगानिस्तान को लिखी चिट्ठी

लेकिन, इसके लिए 34 सूत्रीय कार्य सूची का पालन करना होगा।

Update: 2022-09-14 05:12 GMT

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर की गिरफ्तारी के लिए अफगानिस्तान को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में कहा गया है कि अफगानिस्तान की इस्लामिक अमीरात मसूद अजहर का पता लगाने, रिपोर्ट करने और गिरफ्तारी में पाकिस्तान की मदद करे। पाकिस्तान ने दावा किया है कि मसूद अजहर अफगानिस्तान के नंगरहार या कुनार प्रांत में छिपा हो सकता है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान का यह कदम अपने देश को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकालने से जुड़ा हुआ है। मसूद अजहर को 31 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलाइंस की उड़ान IC 814 के अपहरण के बाद एक भारतीय जेल से रिहा कर दिया गया था। मसूद अजगर संयुक्त राष्ट्र का नामित आतंकी और भारत का मोस्ट वांडेट भी है।


पाकिस्तान बोला- अफगानिस्तान में छिपा है मसूद अजहर
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हमने अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक पेज का पत्र लिखा है। इसमें मसूद अजहर का पता लगाने, रिपोर्ट करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है। अधिकारी ने कहा कि हमारा मानना है कि वह अफगानिस्तान में कहीं छिपा हुआ है। हालांकि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने इस मामले पर आधिकारिक टिप्पणी करने से परहेज किया है। उधर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भी पाकिस्तान से ऐसी कोई चिट्ठी मिलने से साफ इनकार किया है। मुजाहिद ने कहा कि हमें अभी तक कोई चिट्ठी प्राप्त नहीं हुई है।

2002 में पाकिस्तान ने मसूद अजहर पर लगाया था प्रतिबंध
पाकिस्तान के भेजे एक पेज की चिट्ठी में कहा गया है कि मसूद अजहर नंगरहार या कुनार प्रांत में छिपा हो सकता है। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने से पहले या उसके बाद अजहर अफगानिस्तान चला गया था या नहीं। पाकिस्तान ने जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान 14 जनवरी, 2002 को आतंकवाद के आरोपों को लेकर जैश ए मोहम्मद को प्रतिबंधित कर दिया था। जिसके बाद उसका सरगना आईएसआई की प्रोटेक्टिव कस्टडी में चला गया था।



2019 में मसूद अजहर के 2 ट्रस्ट को किया गया था प्रतिबंधित
जैश ए मोहम्मद पर 17 साल के प्रतिबंध के बाद पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने खुफिया जानकारी के आधार पर 10 मई, 2019 को अल-रहमत ट्रस्ट, बहावलपुर और अल-फुरकान ट्रस्ट, कराची नामक दो और संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया। यह दोनों ट्रस्ट मसूद अजहर की आतंकी संगठन के मुखौटा थे। इनके जरिए ही जैश एक मोहम्मद को फंडिंग प्राप्त होती थी। हालांकि, अपने ट्रस्ट पर प्रतिबंध लगने के बाद भी मसूद अजहर ने कई दूसरे संगठन और ट्रस्ट खोल रखे हैं, जिनके जरिए उसे पाकिस्तान और बाहरी मुल्कों से भारी मात्रा में चंदा प्राप्त होता है।

वैश्विक आतंकवादी है मसूद अजहर
मसूद अजहर को फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद उसे एक वैश्विक आतंकवादी नामित किया गया था। सूत्रों का कहना है कि यह दूसरी बार है, जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को पत्र लिखकर मसूद अजहर की गिरफ्तारी की मांग की है। इस साल जनवरी में अफगानिस्तान के साथ मंत्री स्तर की वार्ता के दौरान पाकिस्तान ने मसूद अजहर की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था।

एफएटीएफ से निकलने के लिए तड़प रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान बीते चार साल से लगातार एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। अभी पिछले महीने ही 28 अगस्त से 3 सितंबर के बीच एफएटीएफ की एक टीम जमीनी हकीकत को जानने के लिए पाकिस्तान पहुंची थी। इस दौरान पाकिस्तान ने एफएटीएफ को बताया था कि मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं है क्योंकि वह काफी समय पहले अफगानिस्तान भाग गया है। पाकिस्तान को एफएटीएफ की अक्टूबर पूर्ण बैठक में ग्रे सूची से बाहर होने की उम्मीद है। लेकिन, इसके लिए 34 सूत्रीय कार्य सूची का पालन करना होगा।


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