पाकिस्तान की संसद ने सैन्य कानूनों में संशोधन करते हुए सेना तथा देश की सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने पर पांच साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया है। पिछले सप्ताह सीनेट द्वारा इसी विधेयक को पारित किए जाने के बाद निवर्तमान नेशनल असेंबली ने सोमवार को कठोर पाकिस्तान सेना अधिनियम, 1952 में प्रस्तावित संशोधनों का समर्थन किया। दोनों सदनों से समर्थन के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के हस्ताक्षर से यह विधेयक कानून बन जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता इमरान खान के समर्थकों को कठघरे में लाने के मौजूदा सरकार के प्रयासों के तहत कदम उठाया गया है। कथित भ्रष्टाचार के मामले में इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने नौ मई को कई प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष खान को बाद में रिहा कर दिया गया। पाकिस्तानी अखबार ‘डान’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान सेना (संशोधन) अधिनियम, 2023 में धारा 26-ए जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है जिसके तहत ‘‘कोई भी व्यक्ति जो किसी भी जानकारी का खुलासा करता है या खुलासा करने का कारण बनता है... उसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।’’ यदि जानकारी को सेना प्रमुख द्वारा अनुमोदित किया जाता है तो इसे उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
विधेयक में धारा 26-बी जोड़ने का भी प्रस्ताव है, जो किसी भी व्यक्ति को उनकी ‘सेवानिवृत्ति, रिहाई, इस्तीफा, सेवामुक्ति, निष्कासन या सेवा से बर्खास्तगी’ की तारीख से दो साल तक किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने से रोकता है। कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने स्पष्ट किया कि सेना कानून में किए गए बदलाव नागरिकों पर लागू नहीं होंगे। ‘डान’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय सभा ने सोमवार को छह अन्य विधेयक भी पारित किए, जिनमें पाकिस्तान सॉवरेन वेल्थ फंड बिल, 2023 भी शामिल है, जिसका उद्देश्य देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राशि जुटाना है।