खूंखार जानवरों से भरे जंगल में खोई एक साल की बच्ची, फिर आई हैरान करने वाली खबर

एक चमत्कारिक घटना सामने आई है.

Update: 2021-08-22 05:11 GMT

रूस से एक चमत्कारिक घटना सामने आई है. जहां एक साल की बच्ची जो जंगल में खो गई थी, तीन रात बीत जाने के बाद सही सलामत मिल गई. हैरान करने वाली बात ये है कि जहां बच्ची मिली है, वहां जंगली भालू और भेड़िये घूमते रहते हैं.

ये एक साल की बच्ची चमत्कारिक ढंग से उस घने जंगल में तीन रातों तक अकेले रहकर जीवित रही, जहां जंगली भालू और भेड़िये घूमते हैं. जिसने भी इस घटना के बारे में सुना वह दंग रह गया.
द मिरर के मुताबिक, इस रूसी बच्ची का नाम ल्यूडा कुज़िना है. इसकी उम्र अभी महज एक साल है. एक दिन वह बिना बाड़ वाले बगीचे में खेलते-खेलते अपनी मां से दूर जंगल में पहुंच गई. जब मां को बच्ची नहीं मिली तो उसने शोर मचाया और लोगों ने उसकी तलाश शुरू की.
स्मोलेंस्क क्षेत्र में ओबिंस्क के पास एक साल की बच्ची के लिए करीब 500 लोग बड़े पैमाने पर बचाव के प्रयास में शामिल हुए. हालांकि, कई दिन बीत जाने के बाद भी किसी ने उसे नहीं देखा था, तो लोगों ने मान लिया उसे जंगली जानवर खा चुके होंगे.
लेकिन एक दिन अचानक ल्यूडा चमत्कारिक रूप से अपने घर से ढाई मील की दूरी पर घने जंगल में मिल गई. बचाव दल के एक प्रवक्ता ने कहा, "एक टीम काफी देर तक तलाश करने के बाद आराम करने के लिए एक पेड़ के पास रुकी थी, तभी अचानक उन्हें एक हल्की चीख़ सुनाई दी."
टीम ने को पहले आश्चर्य हुआ कि जंगल में बच्चे के रोने की आवाज कैसे आ सकती है, लेकिन जब उन्हें लगातार रोने की आवाज सुनाई देती रही तो बचाव दल आसपास सर्च करना शुरू किया. तभी उनकी नजर ल्यूडा पर पड़ी.
बचाव दल को देखते ही ल्यूडा ने कथित तौर पर अपनी बाहें फैला दीं और टीम ने उसे फौरन उठाकर गले से लगा लिया. रिपोर्ट के मुताबिक, ल्यूडा को जीवित देखकर हर कोई रो रहा था. सबकी आंखों में खुशी के आंसू थे.
एक साल की ल्यूडा जंगल के बीच गिरे हुए पेड़ों के बीच पाई गई, जहां भूरे भालू और भेड़ियों सहित जंगली जानवर घूमते रहते हैं. यहां रात में तापमान असामान्य रूप से गर्म था, जिसने ल्यूडा को जीवित रखने में मदद की. हालांकि, वह कमजोर हो गई थी, उसे कीड़ों ने काट लिया था, लेकिन वह जीवित थी.

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