लॉकडाउन के नियम तोड़ने पर नॉर्वे की PM पर लगा 1.75 लाख रूपये का जुर्माना
PM पर लगा 1.75 लाख रूपये का जुर्माना
नॉर्वे (Norway) की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग (Erna Solberg) को कोरोनावायरस (Coronavirus) लॉकडाउन (Lockdown) का नियम तोड़ना भारी पड़ गया है. पुलिस ने लॉकडाउन नियम तोड़ने पर पीएम सोलबर्ग के ऊपर 1.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल, नॉर्वे की पीएम ने नियम तोड़ते हुए जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया, इसलिए उन्हें जुर्माना भरना पड़ा. हालांकि, पीएम सोलबर्ग इस पार्टी में शामिल भी नहीं हो पाईं.
पुलिस ने कहा कि पीएम सोलबर्ग द्वारा आयोजित किए गए जन्मदिन डिनर में निजी कार्यक्रमों के लिए निर्धारित की गई संख्या से अधिक मेहमान शामिल हुए. इस तरह नियमों का उल्लंघन करने पर देश की मुखिया के ऊपर 20 हजार नॉर्वेजियन क्रोनर (लगभग 1.75 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया गया है. कमिश्नर ओले सेवरूद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कानून सबके लिए समान है, फिर वो कोई भी हो. सोलबर्ग देश की नेता हैं और कई अवसरों पर महामारी का मुकाबला करने के उपायों पर सरकार के निर्णयों में अग्रणी रही हैं.
स्की रिसॉर्ट पर आयोजित की जन्मदिन की पार्टी
सार्वजनिक प्रसारक एनआरके ने मार्च के मध्य में खुलासा किया कि सोलबर्ग ने अपने 60वें जन्मदिन के मौके पर एक जन्मदिन पार्टी का आयोजन किया. ये पार्टी एक स्की रिसॉर्ट पर आयोजित की गई और इसमें स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया. 25 फरवरी को पीएम के परिवार के 13 सदस्यों ने गिलो कस्बे में एक रेस्तरां में खाना खाया. जबकि किसी निजी कार्यक्रम में मेहमानों के शामिल होने की संख्या सिर्फ 10 सदस्यों तक ही है.
प्रधानमंत्री सोलबर्ग ने मांगी माफी और कहा- नियम नहीं तोड़ना चाहिए था
पीएम सोलबर्ग ने इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था, क्योंकि उन्हें अपने आंखों के इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा. लेकिन पुलिस ने फिर भी उन्हें आयोजन के लिए जिम्मेदार ठहराया. इस घटना के सामने आने के बाद, सोलबर्ग ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कहा कि वह संभावित जुर्माना भरने के लिए तैयार हैं. शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने एक बार फिर अपनी माफी को दोहराया और कहा कि वह पुलिस के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, हमें नियम नहीं तोड़ने चाहिए थे और मैं फिर से माफी मांगना चाहती हूं.
पीएम की छवि हुई धूमिल
इस मामले के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री की छवि काफी धूमिल हो गई थी. अभी तक कोरोना महामारी से लड़ने को लेकर उनकी तारीफ की जाती रही है. 13 सितंबर होने वाले संसदीय चुनाव से पहले छवि का धूमिल होना पीएम सोलबर्ग के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. एक अखबार के संपादक ने कहा कि ये उल्लेखनीय है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री को नियम तोड़ने पर जांच का सामना करना पड़ा है. ये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि उन्हें दोषी माना गया है और जुर्माना लगाया गया है.