नई दिल्ली: पाकिस्तान सरकार ने बिजली बचाने के प्रयासों के तहत इस्लामाबाद शहर में रात 10 बजे के बाद विवाह कार्यक्रमों पर रोक लगाने का फैसला लिया है. बुधवार को मीडिया में आईं खबरों में यह जानकारी दी गई.
जानें पाकिस्तान में क्यों लिया गया इतना बड़ा फैसला
'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार भीषण बिजली संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान ने बिजली की खपत को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं और अब इस्लामाबाद में रात 10 बजे के बाद विवाह समारोहों पर पाबंदी रहेगी जो आठ जून से प्रभावी होगी.
'डेली टाइम्स' समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि देश की राजधानी में शादी समारोहों पर रात 10 बजे के बाद प्रतिबंध प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के निर्देश पर लागू किया जा रहा है.
पाकिस्तान के आर्थिक हालात पर पीएम का बयान
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि राजनीतिक स्थिरता के बिना कोई आर्थिक स्थिरता नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने नकदी की तंगी से जूझ रहे देश की चरमराती अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सभी हितधारकों को 'अर्थव्यवस्था का चार्टर' नामक दीर्घकालिक योजना तैयार करने के लिए एकसाथ आने का आह्वान किया.
शरीफ ने बजट से पहले यहां मंगलवार की रात एक व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निर्यात और कृषि उपज में वृद्धि तथा वित्तीय प्रबंधन योजना के प्रमुख घटक होने चाहिए.
सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस पाकिस्तान ने उनके हवाले से कहा , 'मैं आर्थिक बदलाव के लिए एक विवेकपूर्ण और व्यापक दृष्टिकोण की मांग कर रहा हूं.. यही कारण है कि मैं सभी हितधारकों से देश की अर्थव्यवस्था बदलने के लिए (मौजूदा) समय की चुनौती का सामना करने की अपील कर रहा हूं.'
अर्थशास्त्रियों से शहबाज शरीफ की अपील
उन्होंने सम्मेलन में भाग ले रहे उद्योगपतियों, कृषकों और अर्थशास्त्रियों से कहा, 'चाहे कुछ भी हो, जो भी पार्टी सत्ता में आए, 'अर्थव्यवस्था के चार्टर' में निर्धारित लक्ष्य अपरिवर्तित रहेंगे. यह हमारा पवित्र विश्वास बन जाएगा, जो नहीं बदलेगा. हमें इसकी आवश्यकता है.'
सम्मेलन में भाग ले रहे उद्योगपतियों, कृषकों और अर्थशास्त्रियों ने देश को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से उबारने के लिए तमाम सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक स्थिरता के बिना, कोई आर्थिक स्थिरता नहीं आने वाली. उन्होंने अर्थव्यवस्था के चार्टर की आवश्यकता पर भी बल दिया. शरीफ ने जोर देकर कहा कि निर्यात में वृद्धि, कृषि उपज और वित्तीय प्रबंधन योजना के प्रमुख घटक होने चाहिए.