इस्लामाबाद । पाकिस्तान की महाकंगाली का असर अब हर सेक्टर में दिखाने लगा है। पाकिस्तानी संसद की विमानन मामलों की स्टैंडिंग कमिटी को सूचना दी गई कि बड़ी संख्या में पायलट हाल ही में देश छोड़कर चल गए हैं। दरअसल, इन पायलटों को अपनी सैलरी में भारी कटौती का डर सता रहा है जो ज्यादा टैक्स के नाम पर कंगाल पाकिस्तान सरकार ले सकती है। कंगाल हो चुकी सरकारी विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनैशनल एयरलाइंस के सीईओ अमीर हयात ने बताया कि 15 पायलट हाल ही में देश छोड़कर चले गए हैं।
हयात ने कहा कि पीआईए नए पायलटों की भर्ती करना चाहती है, लेकिन मंजूरी नहीं मिल पा रही है। कमिटी के चेयरमैन सीनेटर हिदायतुल्ला ने कहा कि पायलट बनने के सपना देख रहे लोगों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। उन्होंने पाकिस्तानी सांसदों से अपील की कि वे इस टैक्स के पूरे मामले को सरकारी नियामक संस्था के साथ उठाएं। सीनेट कमिटी को नागरिक विमानन प्राधिकरण ने विदेशी विमानन कंपनियों को हवाई रास्ता नहीं देने के कारणों के बारे में बताया गया।
पाकिस्तान ने कई विदेशी एयरलाइन कंपनियों के डॉलर रोक रखा है जिससे अब ये कंपनियां पाकिस्तानी कस्टमर से कह रही हैं कि वे डॉलर में भुगतान करके अपने टिकट खरीदें। सीनेट कमिटी को बताया गया है, कि यात्री वीपीएन का इस्तेमाल करके टिकट खरीद रहे हैं। इससे उन्हें पाकिस्तान में खरीदे जाने वाले टिकट से कम दाम में टिकट मिल जा रहा है। पाकिस्तान ने कंगाली दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर टैक्स बढ़ा दिया है। यही नहीं कमिटी के मुलाकात में खुलासा हुआ कि पाकिस्तान इंटरनैशनल एयरलाइन के 141 पायलट के लाइसेंस संदिग्ध हैं।
इससे पहले खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान के कई पायलट ने पैसे देकर एयरलाइन पायलट का लाइसेंस हासिल किया था। इसके बाद कई पायलटों की उड़ान पर रोक लगा दी गई थी। इस दौरान पायलटों की फेक डिग्री का भी मुद्दा उठा। पीआईए ने बताया कि कई पायलटों को फर्जी डिग्री के साथ पकड़ा गया है और उन्हें बर्खास्त किया गया है। इस दौरान यह भी खुलासा हुआ कि पाकिस्तान की सरकारी एयरलांइस पीआईए को अरबों रुपये का बकाया चुकाना है।