चीन के सुझाव नये एशिया-प्रशांत करिश्मे के लिए मददगार हैं

Update: 2022-11-19 13:10 GMT
बीजिंग, (आईएएनएस)| 18 नवंबर को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एपेक सदस्यों की 29वीं अनौपचारिक बैठक मेंभाषण देकर नयी स्थिति में एशिया प्रशांत क्षेत्र के साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के लिए चार सूत्रीय सुझाव पेश किये ,जिन्होंने एशिया-प्रशांत सहयोग गहराने और क्षेत्रीय वृद्धि के लिए दिशा दिखायी है और मजबूत शक्ति भी डाली है ।
शांति विकास की पूर्वशर्त है। पिछले कई दशकों में एशिया-प्रशांत आर्थिक में वृद्धि तेज रही। इस का श्रेय इस क्षेत्र के शांतिपूर्ण व स्थिर वातावरण जाता है। एशिया-प्रशांत को बड़े देशों के संघर्ष का अखाड़ा नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति शी ने बल दिया कि हमें वार्ता से विभिन्न देशों के बीच मतभेद का शांतिपूर्ण समाधान करना चाहिए ।जब सवाल आता है ,तो हमें एक साथ सलाह मशविरा कर सब से बड़ी समानताएं ढूंढनी चाहिए।
विकास शांति की गारंटी भी है। अपने भाषण में शी ने खुलेपन और समावेश पर जोर लगाया। उन्होंने कहा कि हमे अधिक घनिष्ठ क्षेत्रीय व्यावासयिक चेन और सप्लाई चेन की स्थापना करनी, यधाशीघ्र ही उच्च स्तरीय मुक्त व्यापार क्षेत्र निर्मित करना और इस क्षेत्र की जनता की समान समृद्धि को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने हरित विकास और साझे भविष्य के समुदाय पर भी बल दिया।
एपेक सचिवालय की कार्यवाहक निदेशक रिबेका फोटिमा मारिया के विचार में चीन क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण बढ़ाने में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और भविष्य में चीन की भूमिका और बड़ी होगी। बैंकाक पोस्ट ने एक आलेख में कहा कि चीन मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय की अवधारणा को लागू करता है और क्षेत्रीय आर्थिक विकास में शक्ति डाल रहा है।
थाईलैंड में एक कहावत है कि जैसा बोओगे ,वैसा काटोगे। एकजुट होकर सहयोग करने और एक साथ जिम्मेदारी उठाने से नया एशिया-प्रशांत का करिश्मा निश्चिय ही रचा जाएगा।
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