यरुशलम (आईएएनएस)| इजराइली पुलिस पूर्वी यरुशलम में स्थित अल-अक्सा मस्जिद परिसर में घुस गई और वहां नमाज अदा कर रहे दर्जनों फिलिस्तीनियों से भिड़ गई। अरब देशों ने इसकी निंदा की है। क्षेत्र में रॉकेट हमलों और हवाई हमलों का एक नया दौर शुरू हो गया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यरुशलम में फिलिस्तीनी रेड क्रीसेंट ने बुधवार को कहा कि अल-अक्सा परिसर में संघर्ष के दौरान कम से कम 12 लोग घायल हो गए।
सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो फुटेज में इजराइली सैनिकों को अल-अक्सा मस्जिद के गेट पर क्लबों के साथ फिलिस्तीनी युवाओं को पीटते हुए दिखाया गया है।
इसके विरोध में गाजा पट्टी से दक्षिणी इजराइल में 16 रॉकेट दागे गए। इससे गाजा में इजरायली हवाई हमले के कई दौर शुरू हो गया।
एक बयान में, इजराइली पुलिस ने कहा कि कम से कम 350 फिलिस्तीनियों ने मस्जिद के अंदर बैरिकेडिंग कर लाठियों व पत्थरों के साथ धावा बोल दिया।
बयान में कहा गया है, पुलिस ने जब मस्जिद में प्रवेश किया, तो उन पर पत्थर फेंके गए और आंदोलनकारियों के एक बड़े समूह द्वारा आतिशबाजी की गई।
फिलिस्तीनियों ने खुद को मस्जिद के अंदर बंद कर लिया। हमास ने इजराइल के हमलों के खिलाफ बचाव का आह्वान किया।
अल-अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए तीसरा सबसे पवित्र स्थल है, और यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थान है। यह साइट पूर्वी यरुशलम के ओल्ड सिटी में स्थित है। इसे इजराइल ने 1967 के युद्ध में वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के साथ कब्जा कर लिया था।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के प्रवक्ता नबील अबू रुदीनेह ने एक बयान में कहा, हम संघर्ष के लिए इजराइल को जिम्मेदार मानते हैं। इसे जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए, नहीं तो परिणाम सभी के लिए खतरनाक होंगे।
इस घटना की अरब देशों ने भी निंदा की।
सऊदी अरब ने कहा कि,इजराइल नमाज पढ़ने वालों को नुकसान पहुंचा रहा है।
जॉर्डन ने भी मस्जिद परिसर में इजराइल पुलिस के प्रवेश की निंदा की है।
मिस्र ने एक बयान में अकीतदमंदों के खिलाफ इजराइल की आक्रामकता की निंदा की।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने बुधवार को इजरायली पुलिस के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हमले ने एक बार फिर दुनिया को इजराइल के आपराधिक और मानवाधिकार विरोधी स्वभाव को दिखाया।
--आईएएनएस