भारतीय उच्चायोग ने की लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा की निंदा

Update: 2022-09-19 16:16 GMT
लंदन में भारतीय उच्चायोग ने लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा की और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उच्चायोग ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धर्मस्थल के परिसर में प्रतीक चिन्हों को नुकसान पहुंचाने की निंदा करते हैं। हमने इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाया है और अधिकारियों से हमारी मांग है कि प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराया जाए।
बता दें कि लीसेस्टर पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है और शांति की अपील की, लेकिन तनाव कायम है। भारत-पाक एशिया कप मैच के बाद से इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर में दोनों समुदायों के बीच तनाव है। हिंसा व तनाव की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसी दौरान एक धर्मस्थल में तोड़फोड़ व झंडा निकालने की भी बात सामने आई है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लीसेस्टर में हिंदू-मुस्लिमों के बीच तनाव की शुरुआत एशिया कप मैच में 28 अगस्त को पाकिस्तान की हार से हुई थी। इसके बाद छह सितंबर को लीसेस्टर में गुस्साए पाकिस्तानी मुसलमानों ने हिंदुओं को निशाना बनाया था। इसी दौरान एक समुदाय ने दूसरे के समुदाय के एक धर्मस्थल का झंडा उखाड़ दिया था। रविवार को फिर दूसरे समुदाय के धर्मस्थल में तोड़फोड़ की खबर मिली। इस घटना के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।
ब्रिटेन के इस शहर में अशांति व गड़बड़ी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। सोशल मीडिया में जारी रिपोर्टों में दावा किया गया कि ताजा हिंसा एक विरोध मार्च के कारण फैली। इसके वीडियो फुटेज में पुलिस को भीड़ को लोगों को रोकने की कोशिश करते हुए दिखाया गया है। इसी दौरान कांच की बोतलें फेंकी गईं और कुछ लोगों लाठियां और डंडों लेकर सड़क पर नजर आए।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इलाके में शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इलाके में शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। बड़ी संख्या में लोगों की तलाशी ली गई है। हिंसा और नुकसान की कई घटनाएं सामने आई हैं। इनकी जांच की जा रही है। वीडियो फुटेज में लीसेस्टर के मेल्टन रोड पर एक धर्मस्थल के बाहर एक व्यक्ति को झंडा खींचते हुए दिखाया गया है। हालांकि पुलिस ने किसी धर्मस्थल पर तोड़फोड़ या झंडा निकाले जाने की घटना से इनकार किया है।
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