भारत ने मालदीव की मदद की, माना अपना पहला और सबसे करीबी दोस्त
एक महीने बाद ही सोलिह भारत दौरे पर आए थे।
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता की भारत हमेशा से मालदीव की मदद के लिए आगे आया है। 1988 के ऑपरेशन कैक्टस से लेकर कोविड-19 महामारी के दौरान कोरोना के टीके तक पहुंचाने जैसी बड़ी चुनौतियों से निपटने में भारत ने मालदीव की मदद की है और मालदीव ने भी भारत को अपना पहला और सबसे करीबी दोस्त माना है।
मालदीव के विदेश मंत्री का ट्वीट
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया है। अब्दुला शाहिद ने ट्वीट में लिखा है, "हमारे द्वीप समुदायों में बुनियादी सेवाओं के विकास में मालदीव को भारत से मिली मदद। इस योजना के तहत बी धारावंधू में शुरू की गई आपातकालीन चिकित्सा सेवा इकाई हमारी चिकित्सा सेवाओं को व्यापक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।" अब्दुल्ला शाहिद द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में लिखा हुआ है- मालदीव के लोगों और भारत के लोगों के बीच की दोस्ती का प्रतीक, मालदीव सरकार और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित परियोजना।
भारत और मालदीव के रिश्ते
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुला शाहिद ने शनिवार को इंडिया@75: शोकेसिंग इंडिया यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन नामक एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी पर भारत को बधाई दी थी। इसी महीने दिल्ली दौरे पर आए अब्दुला ने अपनी यात्रा के समाप्त होने के दौरान कहा था कि भारत और मालदीव के बीच साझेदारी 2018 से राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के सत्ता में आने के बाद के दौरान से पूरी तरह मजबूत हुए है।
मालदीव में होने वाले है राष्ट्रपति चुनाव
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने भारत आए थे। बता दें कि सोलिह को साल 2023 में चुनाव का सामना करना है और सोलिह और उनकी पार्टी के सहयोगी मालदीव के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के बीच खींचतान चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी 17 नवंबर 2018 को माले में आयोजित सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे और एक महीने बाद ही सोलिह भारत दौरे पर आए थे।