पाकिस्तान में जिस तरह के सियासी हालात बन रहे हैं, उसके मुताबिक पाक के पीएम शहबाज शरीफ की गठबंधन गवर्नमेंट नेशनल असेंबली भंग कर राष्ट्र में आम चुनाव कराने की ओर बढ़ रही है. पाक में हाल के महीनों में भारी सियासी उथलपुथल रही है. इमरान खान को सत्ता से बाहर फेंकने के बाद सत्ता में आई शहबाज शरीफ गवर्नमेंट राष्ट्र के अंदर जहां महंगाई और राष्ट्र की कंगाली की हालत से जूझती रही है, वहीं दूसरी ओर गवर्नमेंट को इमरान खान की ओर से भी विरोध का सामना करना पड़ा. ये बात अलग है कि इमरान खान पर इतने मुकदमा चला दिए गए कि वे उसमें ही उलझकर रह गए. लेकिन इमरान खान शहबाज गवर्नमेंट से लगातार चुनाव करवाने की बात कह रही है.
सरकार के सूत्रों के अनुसार, नेशनल असेंबली का आखिरी सत्र शुक्रवार से प्रारम्भ होने की आसार है, जिसके दौरान कुछ जरूरी बिल लाए जाएंगे और सांसद अपना-अपना विदाई भाषण देंगे. नेशनल असेंबली सचिवालय के एक सूत्र ने कहा, विधानसभा भंग होने तक सत्र जारी रहेगा. सूत्र ने यह भी पुष्टि की कि सत्र का एजेंडा स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेजे जाने की आसार है. गवर्नमेंट के सूत्र ने पुष्टि की, जरूरी चुनाव सुधार विधेयक 24 जुलाई को नेशनल असेंबली में पारित किया जाएगा और 26 जुलाई को (निचले और ऊपरी सदन की स्वीकृति के बाद) विधेयक को स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
यह जरूरी घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब शरीफ और उनके मंत्रिमंडल के अन्य शीर्ष मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया है कि नेशनल असेंबली के कार्यकाल में कोई विस्तार नहीं होगा. उन्होंने जोर देकर बोला कि दो प्रांतीय विधानसभाओं को नेशनल असेंबली से कुछ दिन पहले भंग किया जा सकता है. सियासी दलों को चुनाव प्रचार के लिए अतिरिक्त 30 दिन का समय दिया जायेगा. कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा, “नेशनल असेंबली के कार्यकाल में कोई विस्तार नहीं होगा. यह अपना कार्यकाल पूरा कर रही है. हमने नेशनल असेंबली को समय से पहले भंग करने का विकल्प भी खुला रखा है.
चुनाव के बाद राष्ट्र में आएगा स्थायित्व: बिलावल भुट्टो
विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी बोला है कि आनें वाले आम चुनाव के बाद राष्ट्र सियासी स्थिरता की ओर बढ़ेगा, जिसका वित्तीय स्थिरता पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘मैं आशावादी हूं कि समय पर चुनाव कराने के बाद हम सियासी स्थिरता की ओर लौट सकेंगे. आम चुनाव होने के बाद राष्ट्र सियासी स्थिरता की ओर बढ़ेगा.’