इमरान खान ने फिर भारत की तारीफ में पढ़े कसीदे, बोले- आजाद विदेश नीति

प्रधानमंत्री बनने के पीछे विदेशी साजिश बताई थी और उनका इशारा अमेरिका की तरफ था।

Update: 2022-11-20 05:54 GMT
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को एक वर्चुअल रैली के माध्यम से अपने समर्थकों को संबोधित किया। पिछली कई बार की तरह इस बार भी इमरान ने शहबाज सरकार को घेरने के लिए भारत की तारीफ की। उन्होंने भारतीय विदेश नीति की मिसाल देते हुए पाकिस्तान सरकार को 'गुलाम' करार दिया। अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव लाकर इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद से वह लगातार रूस से तेल खरीदने के लिए भारत की तारीफ कर चुके हैं।
भारत की तारीफ करते हुए इमरान ने कहा, 'अफसोस है कि मुझे हिंदुस्तान की मिसाल देनी पड़ती है। वह हमारे साथ ही आजाद हुआ था, सिर्फ उस मुल्क के फैसले और विदेश नीति देख लें, आजाद विदेश नीति। वह खड़ा हो गया कि हम रूस से तेल खरीदेंगे। हमारा अमेरिका के साथ गठबंधन है क्वाड में लेकिन तेल हम रूस से लेंगे क्योंकि हमारे लोगों को सस्ते तेल की जरूरत है। हम अपने लोगों पर महंगाई का बोझ नहीं डाल सकते। वे खड़े हो गए, अमेरिका नाराज हुआ लेकिन आखिरकार अमेरिका को मानना पड़ा।'
'इन गुलामों को शर्म नहीं आती...'
इमरान आगे बोले, 'हमने भी यही किया था, लेकिन ये गुलाम जो ऊपर बिठाए गए हैं, जो साजिश के तहत आए हैं, सात महीने हो गए इनको शर्म नहीं आई कि लोग महंगाई में डूब गए हैं लेकिन इन्होंने रूस से तेल नहीं लिया।' यह पहली बार नहीं है जब इमरान ने शहबाज सरकार की आलोचना करने के लिए भारत की तारीफ की है। पिछले महीने इमरान खान ने रूस से तेल खरीदने के सवाल पर यूरोप को करारा जवाब देने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के लिए कहा था, 'वह हिंदुस्तान के मंत्री हैं लेकिन मैं उनकी प्रशंसा करता हूं।'
आलोचना सुनकर भी भारत की तारीफ कर रहे इमरान
वह कई महीनों से भारतीय विदेश नीति की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। मई में नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने इमरान को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर इमरान को भारत इतना पसंद है तो उन्हें वहीं चले जाना चाहिए। इमरान का आरोप है कि वह पाकिस्तान के लिए रूस से सस्ता तेल खरीदना चाहते थे लेकिन अमेरिका यह नहीं चाहता था। यूक्रेन युद्ध से पहले वह रूस गए थे जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया। इमरान ने शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के पीछे विदेशी साजिश बताई थी और उनका इशारा अमेरिका की तरफ था।
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