अमेरिका से टकराव हुआ तो दुनिया को भुगतने पड़ेंगे परिणाम
ऐसी स्थिति से बचने के लिए वार्ता जरूरी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चीनी डिफेंस सेक्रेटरी ली शांगफू ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोनों देशों के बीच टकराव हुआ तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित होगा। उन्होंने अमेरिका को संबोधित करते हुए कहा था कि इस लिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए वार्ता जरूरी है।
चीन और अमेरिका के बीच का तनाव कम होने के बजाय बढ़ ही रहा है। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री के साथ बैठक से इनकार के बाद अब चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू ने शांगरी-ला वार्ता में अमेरिका को लेकर ऐसा बयान दिया है जिसके बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर कड़वाहट बढ़ गई है। इससे पहले जासूसी गुब्बारे को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था।
इस सम्मेलन में चीनी डिफेंस सेक्रेटरी ली शांगफू ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोनों देशों के बीच टकराव हुआ तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित होगा। उन्होंने अमेरिका को संबोधित करते हुए कहा था कि इस लिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए वार्ता जरूरी है। उन्होंने यह बात चार जून को 'शांगरी ला' डायलॉग में कही थी। उनका यह बयान तब आया था जब अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चीन के रक्षामंत्री के साथ बैठक से इनकार कर दिया था। बता दें कि ली शांगफू को इसी साल मार्च में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था। वहीं, शांगरी-ला डायलॉग में उनका यह पहला संबोधन था।
अपने संबोधन में शांगफू ने यह भी कहा था कि दुनिया इतनी बड़ी है कि अमेरिका और चीन के साथ-साथ विकास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पास अलग-अलग तरह की प्रणालियां हैं, लेकिन इनको दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और सहयोग को गहरा करने के लिए समान हितों की तलाश के बीच में नहीं आना चाहिए। उन्होंने चीनी सेना की वर्दी पहनकर ये भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने अमेरिका पर हिंद प्रशांत क्षेत्र में नाटो जैसा सैन्य गठबंधन बनाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया। शांगफू ने कहा कि चीन, अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा इस तरह की स्वतंत्र नेविगेशन की अनुमति नहीं देगा, जो नेविगेशन का बहाना हो।
चीन और अमेरिका के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा तनाव और व्यापार विवाद को देखते हुए दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली इस बैठक की काफी अहमियत थी लेकिन चीन के कदम से दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिशों को झटका लगा था। बता दें कि गुब्बारे से जासूसी प्रकरण को लेकर भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। हालांकि बीते हफ्ते चीन और अमेरिका के वाणिज्य मंत्रियों की वॉशिंगटन में मुलाकात से रिश्ते थोड़े पटरी पर आते दिख रहे थे लेकिन अब रक्षा मंत्रियों की बैठक रद्द होने से तनाव बढ़ने की पूरी आशंका है।
शांगरी-ला वार्ता का IISS ने किया था आयोजन
गौरतलब है कि शांगरी-ला वार्ता का आयोजन 2-4 जून से अंतर्राष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (IISS) द्वारा किया गया था। इसे रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए देशों को एक साथ लाने के लिए डिज़ाइन की गई है।