रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच नष्ट कखोव्का बांध कितना पुराना
यह नुकसान किसके लिए भारी पड़ेगा?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। दोनों पक्षों में भारी जान-माल की क्षति हो चुकी है। इस बीच, मंगलवार को यूक्रेन सरकार ने रूस पर उसके विशाल बांध को नष्ट करने का आरोप लगाया है। यूक्रेन ने कहा कि बांध के टूटने से युद्ध क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल गया है। वहीं, दूसरी ओर रूस की ओर से कहा गया कि यह कार्य खुद यूक्रेन ने ही किया है। दोनों देश कखोव्का बांध को नष्ट करने का आरोप एक-दूसरे पर लगा रहे हैं। ऐसे में जानना जरूरी हैं कि कखोव्का बांध कहां है? बांध कितना पुराना है? इसका महत्व क्या है? यह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को कैसे प्रभावित करेगा? बांध नष्ट होने से कितना नुकसान हुआ है? दक्षिणी यूक्रेन और क्रीमिया को पानी की आपूर्ति करने वाला कखोव्का बांध मंगलवार तड़के टूट गया। सीमा से सटा यह बांध सीमा पर रूस के नियंत्रण वाले क्षेत्र में पड़ता है। डैम टूटने से आसपास के क्षेत्र में बाढ़ आ गई। इससे सबसे बड़ा खतरा पास के एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र को उत्पन्न हो गया है।
कखोव्का बांध के क्षतिग्रस्त होने से नजदीक में बसे एक शहर और दो दर्जन गांवों में बाढ़ आ गई। वहीं, बाढ़ के कारण इन इलाकों से 17,000 लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगह ले जाया गया है। अब रूस और यूक्रेन दोनों ही घटना के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
बांध कितना पुराना है?
कखोव्का पनबिजली संयंत्र के हिस्से के रूप में बांध को साल 1956 में नीप्रो नदी पर बनाया गया था। यह 30 मीटर (98 फीट) ऊंचा और 3.2 किमी (2 मील) लंबा है। यह बांध खेरसॉन क्षेत्र के नोवा कखोव्का शहर में है जो फिलहाल रूस के कब्जे में है।
बांध सोवियत काल में बनाया गया था। निप्रो नदी पर बने छह बांध में से यह एक है। यह देश के दूर उत्तर से दक्षिण में समुद्र में फैला हुआ है। बांध में अमेरिकी राज्य यूटा में ग्रेट साल्ट लेक की मात्रा के बराबर पानी रखने की क्षमता है। स्थानीय लोग इसे कखोव्का सागर कहते हैं क्योंकि कुछ जगहों पर बांध का दूसरा किनारा नहीं दिखाई देता है।