बीजिंग, (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2000 में हर साल 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस निर्धारित किया। इसका उद्देश्य पूरी दुनिया में लैंगिक समानता बढ़ाना है।
चीन लंबे समय से पूरे समाज में पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। चीन में महिलाओं के अधिकारों और हितों के संरक्षण की व्यवस्था धीरे स्थापित हुई। महिलाओं के अधिकारों और हितों के संरक्षण पर कानून वर्ष 1992 में लागू हुआ था और वर्ष 2005 व 2018 में क्रमश: इसमें संशोधन किया गया। इस साल 30 अक्तूबर को 13वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के 37वें सम्मेलन में कानून का नया संशोधन पारित किया गया, जो 1 जनवरी 2023 को प्रभावी होगा। यह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद शी चिनफिंग द्वारा संपन्न पहला राष्ट्रपति आदेश है। इससे महिलाओं के अधिकारों और हितों के संरक्षण पर शी चिनफिंग का बड़ा ध्यान जाहिर हुआ है।
महिलाओं के अधिकारों और हितों के संरक्षण पर कानून का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ पक्षपात, भेदभाव और हिंसा को खत्म करना है, जो एक बुनियादी मानवाधिकार कानून है। पिछले दस सालों में शी चिनफिंग ने लैंगिक समानता और महिलाओं व बच्चों के कानूनी हितों की रक्षा पर कई बार चर्चा की। हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर शी चिनफिंग देश की सभी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हैं। महिलाओं और बच्चों का विकास चीन की शासन व्यवस्था का महत्वपूर्ण भाग बना। चीन में महिलाओं से जुड़े काम में बड़ी प्रगति हुई।
शी चिनफिंग ने कहा कि विकास महिलाओं से अलग नहीं हो सकता। विकास का लाभ महिलाओं समेत सभी नागरिकों तक पहुंचाना चाहिए। पिछले दस सालों में चीन में महिलाओं की औसत आयु प्रत्याशा 77.37 साल से बढ़कर 80.88 साल तक पहुंची, जो दुनिया की औसत आयु से 4 साल से अधिक है। गर्भवती महिला की मृत्यु दर में 40 प्रतिशत की कटौती आई। कार्यरत महिलाओं का अनुपात लगातार 40 फीसदी से अधिक रहा। वर्ष 2021 में विवाहित जीवन में शारीरिक और मानसिक हिंसा से पीड़ित महिलाओं का अनुपात 8.6 प्रतिशत रहा, जो वर्ष 2010 से 5.2 फीसदी कम रहा। सुखमय जीवन की तलाश में हर महिला के पास जीवन में चमकने और सपना साकार करने का अवसर है।
अंतरिक्ष के अन्वेषण से ग्रामीण पुनरुत्थान तक, खेल के मैदान से शांति स्थापन कार्यवाही तक सभी क्षेत्रों में चीनी महिलाएं अपनी मेहनत से दुनिया को आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास, आत्मनिर्भरता और आत्म-सुधार का आकर्षण दिखाती हैं।