एफबीआई के इतिहास का सबसे बड़ा अनसुलझा रहस्य डी बी कूपर, बम दिखाकर किया प्लेन को हाईजैक

हाईजैक करना और फिर अजीबोगरीब तरीके से गायब हो जाना, आज भी रहस्य बना हुआ है।

Update: 2022-11-25 08:14 GMT
वॉशिंगटन : तारीख थी 24 नवंबर 1971, दोपहर का वक्त और अमेरिका का ओरेगन राज्य। पोर्टलैंड में एक आम दिखने वाला शख्स नॉर्थवेस्ट ओरिएंट एयरलाइंस के काउंटर पर पहुंचा। उसने अपना नाम डैन कूपर बताया। उसने कैश देकर सिएटल, वाशिंगटन के लिए फ्लाइट 305 का एक तरफ का टिकट खरीदा। इसी के साथ शुरू हुआ अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के इतिहास का सबसे बड़ा अनसुलझा रहस्य। कूपर एक शांत दिखने वाला व्यक्ति था जिसकी उम्र 40-45 के आसपास थी। उसने ब्लैक टाई और वाइट शर्ट के साथ एक बिजनेस सूट पहन रखा था।
फ्लाइट में टेक ऑफ का इंतजार कर रही थी। कूपर ने एक ड्रिंक ऑर्डर की, बर्बन व्हिस्की और सोडा। दोपहर 3 बजे के बाद कूपर ने एयर होस्टेस को एक पर्ची पकड़ाई। इसमें लिखा था कि उसके ब्रीफकेस में बम है और वह चाहता है कि एयर होस्टेस उसके साथ बैठे। घबराई महिला ने वही किया जो उससे कहा गया। कूपर ने अपनी ब्रीफकेस खोलकर उसे दिखाया। उसमें ढेर सारी तारें और लाल रंग की स्टिक्स थीं जिन्हें देखकर एयर होस्टेस के होश उड़ गए। कूपर ने कहा कि वह जो कहे महिला उसे लिखे।
चार पैराशूट और 2,00,000 डॉलर की मांग
कुछ देर बाद एयर होस्टेस वह नोट लेकर फ्लाइट के कैप्टन के पास गई जिसमें चार पैराशूट और 2,00,000 डॉलर की मांग की गई थी। फ्लाइट ने जब सिएटल में लैंड किया तो कूपर ने पैसों और पैराशूट के बदले 36 यात्रियों को छोड़ दिया। लेकिन उसने चालक दल के कई सदस्यों को बंदी बनाए रखा। प्लेन ने दोबारा टेक ऑफ किया और कूपर ने कैप्टन को मैक्सिको सिटी चलने का आदेश दिया। लेकिन बीच में कुछ बेहद रहस्यमयी घटित हुआ जो अगर नहीं होता तो 24 नवंबर को 'डी बी कूपर डे' नहीं मनाया जाता।
रात के अंधेरे में गायब लुटेरा
सिएटल और रेनो के बीच में रात करीब 8 बजे कूपर पैराशूट और पैसों के साथ विमान के पिछले हिस्से से नीचे कूद गया। पायलटों ने एक सुरक्षित लैंडिंग की लेकिन कूपर रात के अंधेरे में कहां गायब हो गया, यह आज तक एक रहस्य बना हुआ है। एफबीआई को जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला उसने तत्काल एक जांच शुरू कर दी। नॉर्थवेस्ट हाइजैकिंग के चलते इसे NORJAK नाम दिया गया जो कई साल तक चलती रही। सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई, देशभर में सुरागों का पीछा किया गया और सबूत के लिए प्लेन की छानबीन की गई।
लड़के को मिला नोटों से भरा बैग
जांच के पांच साल बाद तक संदिग्धों की सूची में 800 से ज्यादा नाम शामिल थे। एक थ्योरी सामने आई जिसमें कहा गया कि कूपर प्लेन से नीचे कूदने में नहीं बचा। उसने जिस पैराशूट का इस्तेमाल किया वह खुला ही नहीं और वह रात के अंधेरे में जंगली इलाके में कूद गया था। इस थ्योरी को 1980 में और ज्यादा समर्थन मिला जब एक लड़के को नोटों से भरा एक सड़ता हुए बैग मिला था जिनके नंबर कूपर को दिए गए नोटों के सीरियल नंबर से मेल खाते थे। लेकिन एफबीआई अधिकारियों के लिए एक शख्स का अचानक आना, प्लेन को हाईजैक करना और फिर अजीबोगरीब तरीके से गायब हो जाना, आज भी रहस्य बना हुआ है।
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