विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान दौर में किसी चीनी नेता को तीसरा कार्यकाल दिया जाना अपने आप में अप्रत्याशित है। इसके अलावा बैठक में चीन के नए शीर्ष नेतृत्व को भी नियुक्त किया जा सकता है। वह भी तब जब शी जिनपिंग ने पार्टी पर अपनी पकड़ को और मजबूत कर लिया है और वह देश के संस्थापक माओ त्से तुंग के बाद सबसे शक्तिशाली नेता हो गए हैं। चीन के सरकारी टीवी सीसीटीवी के मुताबिक हर 5 साल में होने वाली कम्यूनिस्ट पार्टी की यह बैठक 'बहुत ही महत्वपूर्ण' होती है जिसमें पोलित ब्यूरो के 25 सदस्य हिस्सा लेते हैं। उसने कहा कि इस बैठक के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं।
पार्टी में मतदान केवल औपचारिकता मात्र
इस पूरे आयोजन में देशभर में पार्टी के 2300 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। ये लोग देश की सेंट्रल कमिटी के करीब 200 सदस्यों का चुनाव करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान सेंट्रल कमिटी की अंतिम बैठक 9 अक्टूबर को होगी। इसके बाद सेंट्रल कमिटी 25 सदस्यीय पोलितब्यूरो और उसके शक्तिशाली स्टैंडिंग कमिटी के लिए वोट करेगी। स्टैंडिंग कमिटी चीन का सर्वोच्च नेतृत्व निकाय है और सबसे शक्तिशाली है। वर्तमान समय में इस कमिटी में 7 सदस्य हैं। जानकारों का कहना है कि इसमें मतदान केवल औपचारिकता मात्र है और पोलितब्यूरो तथा उसके स्टैंडिंग के लिए सदस्यों का चयन पहले ही कर लिया जाता है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बनेंगे सबसे शक्तिशाली
पार्टी की यह बैठक कितने दिनों तक चलेगी, इस पर अभी फैसला नहीं हो सका है। जानकारों के मुताबिक बैठक में कुछ भी अप्रत्याशित निकलने की उम्मीद नहीं है। सिंगापुर में चीनी राजनीति के विशेषज्ञ अल्फ्रेड वू मुलूआन ने कहा, 'ज्यादातर लोगों को इस बात से आश्चर्य नहीं होगा कि शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल दिया जाता है। मैं समझता हूं कि यह कुछ समय पहले से ही तय है। शी जिनपिंग पोलितब्यूरो में अपने समर्थकों की संख्या को बढ़ाएंगे खासकर फूजिआन और झेजियांग में जहां वह पहले शीर्ष पदों पर काम कर चुके हैं। इसके बाद वह इन सदस्यों से अपने चौथे और पांचवें कार्यकाल के लिए समर्थन की उम्मीद कर सकते हैं।'