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चरमपंथियों में कानून का जरा भी डर नहीं दिखता है.
बांग्लादेश में औपनिवेशिक काल के हिंदू मंदिर में एक देवता की मूर्ति को अज्ञात व्यक्तियों ने खंडित कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने ये जानकारी मीडिया से साझा की है. वहीं न्यूज़ पोर्टल 'बीडीन्यूज डॉट कॉम' ने मंदिर समिति के अध्यक्ष सुकुमार कुंडा के हवाले से कहा, 'बांग्लादेश के झेनाइदाह जिले के दौतिया गांव में काली मंदिर में अधिकारियों को खंडित मूर्ति के टुकड़े मिले. मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर दूर सड़क पर पड़ा हुआ था.'
मूर्ति तोड़कर दूर फेंका आधा हिस्सा
कुंडा ने कहा कि काली मंदिर औपनिवेशिक काल से ही हिंदुओं का पूजा स्थल रहा है. यह घटना बांग्लादेश में 10 दिवसीय वार्षिक दुर्गा पूजा उत्सव के समाप्त होने के 24 घंटे से कुछ अधिक समय बाद हुई. बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के महासचिव चंदनाथ पोद्दार ने कहा, 'यह दुखद घटना रात में झेनाइदाह के मंदिर में हुई.'
आरोपियों की तलाश में दबिश जारी
ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पोद्दार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण मामला बताते हुए कहा कि इस एक घटना के अलावा पूरे देश में दस दिवसीय उत्सव में कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ. पिछले साल की तुलना में इस साल उत्सव काफी शांतिपूर्ण रहा. पिछले साल देश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा व झड़पों में कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे. बांग्लादेश की करीब 16 करोड़ 90 लाख की आबादी में लगभग 10 प्रतिशत हिंदू हैं. झेनाइदाह पुलिस के सहायक अधीक्षक अमित कुमार बर्मन ने कहा, 'मामला दर्ज कर लिया गया है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है.'
अक्सर बनाया जाता है हिंदुओं को निशाना
गौरतलब है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और मंदिरों में तोड़फोड़ के मामले अक्सर सामने आते हैं. कई मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी भी होती है इसके बावजूद चरमपंथियों में कानून का जरा भी डर नहीं दिखता है.