छात्रों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़ शिक्षा विभाग जानकर बना अंजान
प्रयागराज। माध्यमिक विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा के नाम पर प्रबंधन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे।नई शिक्षा सत्र में कई ऐसे स्कूल खुल गए हैं जहां जूनियर हाई स्कूल तक की मान्यता है मगर वहां हाई स्कूल व इंटर तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। स्कूल भवन के नाम …
प्रयागराज। माध्यमिक विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा के नाम पर प्रबंधन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे।नई शिक्षा सत्र में कई ऐसे स्कूल खुल गए हैं जहां जूनियर हाई स्कूल तक की मान्यता है मगर वहां हाई स्कूल व इंटर तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। स्कूल भवन के नाम पर मात्र कुछ कमरे और आयोग्य शिक्षकों के सहारे हाई स्कूल व इंटर तक की कक्षाएं चलती हैं। हैरानी इस बात की है कि बिना जांच पड़ताल किए विभाग इन्हें मान्यता भी दे देता है। जाहिर है सुविधा के अभाव में स्कूल प्रबंधन परीक्षा का आवेदन किसी दूसरे स्कूल से कराकर छात्रों से अच्छी खासी रकम ऐंठता है।
सूत्रों की माने तो 5 से 10 हजार रुपए प्रति छात्र का ठेका होता है। जबकि विद्यालय प्रबंधन शिक्षा विभाग की मिली भगत से लाखों रुपए कमा रहा है। विभाग भले ही शिकायत न मिलने की बात कर रहा हो लेकिन सच तो यह है कि हमाम में सभी नंगे हैं। ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया है परमेश्वर दीन मिश्रा इंटर कॉलेज बेनीपुर प्रयागराज का जो सिर्फ कागजों पर संचालित हो रहा है। जबकि उक्त विद्यालय अन्य गांव सोढ़िया से मानक के विपरीत कम जमीन पर संचालित किया जा रहा है। जबकि रजिस्ट्रेशन के अनुसार उक्त विद्यालय बेनीपुर से संचालित होना चाहिए ना कि किसी अन्य गांव से। सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक आरक्षण कोटे में भी अस्पष्टता है जिसमें आरक्षण कोटे का पालन नहीं किया गया है। जानकारों की मानें तो शिक्षक से लेकर चपरासी तक जो अब सेवानिवृत्ति हो चुके हैं उनसे अवैध धन उगाही कर फर्जी तरीके से आरक्षण कोटे में नियुक्तियां दी गई थी जो जांच का विषय है।मजे की बात तो यह है कि विद्यालय में विद्यार्थियों को खेल मैदान तक मुवस्सर नहीं है और विद्यालय लगभग 35 वर्षों से चल रहा है जो कहीं ना कहीं सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।
क्षेत्र के लोगों ने मीडिया के माध्यम से आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उक्त विद्यालय के संबंध में गहराई से जांच करा कर ऐसे शिक्षा माफियाओं के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए ताकि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना कर सकें। अब देखने वाली बात यह होगी कि मामले को संज्ञान ले उचित कार्यवाही होती है अथवा ऐसे ही सब कुछ चलता रहेगा और मामले को ठंडे बस्ते में डाल कर पटाक्षेप कर दिया जाएगा। ऐसा ही मामला जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ क्षेत्र में एक ही प्रबंध तंत्र के तीन विद्यालयों का परीक्षा केंद्र एक ही विद्यालय में नियुक्त किया गया है जो जांच का विषय है। लगातार दैनिक समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बावजूद भी शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की कुंभकर्णी निद्रा भंग ना होने से कहीं ना कहीं प्रश्नवाचक चिन्ह जरूर खड़ा करता है।