केन्द्र सरकार ने टैक्स को लेकर सभी के लिए नियम तय किए हैं. ऐसे ही कुछ नियम सीनियर सिटीजन के लिए भी तय किए हैं. अगर कोई सीनियर सिटीजन ब्याज से आय ले रहे हैं तो क्या उन्हें आईटीआर फाइल करना चाहिए. आखिर एफडी से कितना ब्याज मिलने पर रिटर्न दाखिल करना होता है. इस स्टोरी में हम आपको इन्हीं बुनियादी सवालों का जवाब देने जा रहे हैं. साथ ही सरकार ने सीनियर सिटीजन की एक खास कैटेगिरी को आईटीआर फाइल करने से छूट भी दी हुई है.
आप टैक्स के दायरे में आते हैं या नहीं
सबसे पहले आपको ये समझने की जरूरत है कि आखिर एफडी से होने वाले कितने ब्याज पर रिटर्न दाखिल करना होता है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ओल्ड टैक्स सिस्टम में वरिष्ठ नागरिकों के लिए मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये है. जबकि न्यू टैक्स सिस्टम में ये कर व्यवस्था (u/s115BAC) के तहत, निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये है. अगर आपकी आय इससे अधिक है तो आपको आईटीआर फाइल करना होगा अन्यथा आपको उसकी जरूरत नहीं है. लेकिन अगर आपके ब्याज पर किसी तरह का टीडीएस कट रहा है तो आपको अपने पैसे के रिटर्न के लिए आईटीआर फाइल करना चाहिए. इससे आपका पैसा आपको मिल जाएगा.
रिफंड से ही मिल सकता है आपका कटा पैसा
अगर आपकी ब्याज आय से किसी तरह का कर काटा गया है तो आप उसे ITR फाइल करके ही वापस पा सकते हैं. अगर आपने रिटर्न फाइल नहीं की तो आप किसी भी तरह के रिफंड की मांग नहीं कर सकते हैं. इसलिए, ऐसे मामलों में जहां सीनियर सिटीजन की ब्याज आय से कर काटा गया है, टीडीएस की वापसी का दावा करने के लिए आईटीआर दाखिल करना उचित है. ऐसे लोगों के लिए भी आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है. इनकम टैक्स विभाग ने अलग-अलग करदाताओं के लिए अलग-अलग तारीखें बनाई हुई हैं.
इसमें अगर कोई करदाता 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल करने में विफल रहता है तो वह 31 दिसंबर, 2023 तक लेट रिटर्न दाखिल कर सकता है. हालांकि, लेट आईटीआर में फाइन देना होता है. इसलिए, नियत तारीख से पहले रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी जाती है.
कुछ वरिष्ठ नागरिकों को मिलती है इनकम टैक्स से छूट
आयकर विभाग ने कुछ श्रेणी के सीनियर सिटीजन को एक निश्चित आयु के बाद रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है. उनमें अगर किसी शख्स की उम्र 75 साल या उससे ज्यादा हो गई है तो उसे भी इनकम टैक्स फाइल करने से छूट दी गई है. इसी तरह से अगर कोई सीनियर सिटीजन सिर्फ अपनी पेंशन और बचत पर मिलने वाले ब्याज पर अपना जीवन बसर कर रहा है तो उसे भी इनकम टैक्स फाइल करने से छूट दी गई है. लेकिन उसकी पेंशन और उसकी बचत एक ही बैंक में होनी चाहिए. उन सीनियर सिटीजन ने उस बैंक में अपना डिक्लेरेशन भी दिया हो कि मेरी पेंशन और सेविंग इसी बैंक में है.
अगर आय टीडीएस के दायरे में आती है तो बैंक उनके खाते से टीडीएस डिडक्ट करने के लिए जिम्मेदार है. अगर बैंक ऐसे सीनियर सिटीजन की आय से टैक्स डिडक्ट कर रहा है तो उन्हें किसी तरह के आईटीआर को फाइल करने की जरूरत नहीं है. इस अब तक 2 जुलाई 2023 तक 1.32 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं जबकि 1.25 करोड़ से अधिक रिटर्न प्रोसेस किए जा चुके हैं.