प्लेऑफ की उम्मीदें जीवंत रखने के लिए एक दूसरे से भिड़ेंगे केकेआर और पंजाब किंग्स
कोलकाता। अब जबकि समय तेजी से हाथ से निकलता जा रहा है तब कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और पंजाब किंग्स की टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के प्लेऑफ में जगह बनाने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखने के लिए सोमवार को यहां एक दूसरे का सामना करेंगे। केकेआर को जहां कुछ कड़े फैसले लेने होंगे वही पंजाब को भी खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
शिखर धवन की अगुवाई वाली पंजाब की टीम को पिछले मैच में मुंबई इंडियंस से हार का सामना करना पड़ा था। वह आठवें स्थान पर काबिज केकेआर से दो अंक की बढ़त के साथ एक पायदान ऊपर है लेकिन इन दोनों टीम पर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। नितीश राणा की अगुवाई वाले केकेआर के लिए तो अब बाकी बचे चारों मैच करो या मरो जैसे बन गए हैं। उसके टीम प्रबंधन को अब अपने कैरेबियाई दिग्गजों आंद्रे रसेल और सुनील नारायण से इतर अन्य विकल्पों पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि यह दोनों खिलाड़ी इस सत्र में अभी तक अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
विशेषकर नारायण अभी तक न तो अपनी स्पिन गेंदबाजी का कमाल दिखा पाए हैं और ना ही बल्लेबाजी में कुछ योगदान दे पाए हैं। उन्होंने गौतम गंभीर की अगुवाई में 2012 और 2014 में केकेआर को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन अब वह बीती बात है। सवाल उठता है कि क्या केकेआर ऐसे खिलाड़ी को अंतिम एकादश में रख सकता है जिस ने 10 मैचों में 8.76 की इकोनामी रेट से केवल सात विकेट लिए हैं और आठ पारियों में केवल 14 रन बनाए हों। नारायण के नियमित रूप से अंतिम एकादश का हिस्सा होने से केकेआर अपने विदेशी खिलाड़ियों जैसे तेज गेंदबाज लॉकी फर्ग्यूसन और ऑल राउंडर डेविड वीज का सही उपयोग नहीं कर पा रहा है।
केकेआर की तरफ से स्पिन विभाग में वरुण चक्रवर्ती अच्छी भूमिका निभा रहा है और ऐसे में टीम प्रबंधन नारायण की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को अंतिम एकादश में रखने पर विचार कर सकता है। जहां तक रसेल की बात है तो उन्हें अंतिम एकादश में रखा जा सकता है लेकिन उन्हें बल्लेबाजी के लिए ऊपरी क्रम में भेजना चाहिए क्योंकि उन्हें अपने तेवर दिखाने के लिए बहुत कम मौके मिल रहे हैं। जमैका के इस बिग हिटर ने अब तक 148 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 166 रन बनाए हैं।
रसेल ने बीच के ओवरों में अच्छी गेंदबाजी की है और उन्होंने अभी तक सात विकेट लिए हैं। केकेआर को अपने बाकी बचे चार में से तीन मैच ईडन गार्डंस पर खेलने हैं और ऐसे में उसे घरेलू परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाना चाहिए। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पिछले मैच में जिस तरह से उसने खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया था, उसे आगे भी जारी रखने की जरूरत है।
पंजाब के पास नाथन एलिस, सैम कुरेन और अर्शदीप सिंह के रूप में अच्छा गेंदबाजी आक्रमण है लेकिन मुंबई के खिलाफ पिछले मैच में वह अपने 214 रन के स्कोर का बचाव नहीं कर पाए थे। मुंबई के बल्लेबाजों ने उनके खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया था और केकेआर के बल्लेबाजों को इसी तरह का रवैया अपनाना होगा। पंजाब की बल्लेबाजी लियाम लिविंगस्टोन, शिखर धवन और विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा पर निर्भर है और केकेआर को इन तीनों पर लगाम कसने की कोशिश करनी होगी।