रूस के उपग्रह को मार गिराने वाली मिसाइल के टेस्‍ट से स्‍पेस स्‍टेशन को खतरा, नासा ने किया ये खुलासा

नासा ने किया खुलासा

Update: 2022-06-21 08:12 GMT
वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने खुलासा किया है कि रूस के उपग्रह को मार गिराने वाली मिसाइल के टेस्‍ट से अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन के तबाह होने का खतरा पैदा हो गया था। दरअसल, इस मिसाइल परीक्षण से अंतरिक्ष में बहुत बड़े पैमाने पर कचड़ा निकला था और उसके स्‍पेस स्‍टेशन से टकराने का खतरा पैदा हो गया था। इस टक्‍कर से बचने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को उसे जबरन मोड़ना पड़ा था।
नासा ने बताया कि गुरुवार को स्‍पेस स्‍टेशन को 4 मिनट से ज्‍यादा समय के लिए अपने थ्रस्‍टर्स को फायर करना पड़ा ताकि खुद को मलबे के रास्‍ते से निकाला जा सके। नासा ने कहा कि स्‍पेस स्‍टेशन को मोड़ने की वजह से उस पर सवार चालक दल के 7 के सदस्‍यों पर खतरा नहीं आया और इस रास्‍ते के बदलाव का भी स्‍पेस स्‍टेशन के काम पर कोई असर नहीं पड़ा। अभी यह नहीं पता चल पाया है कि यह मलबा कितना बड़ा था और अगर उसने स्‍पेस स्‍टेशन को हिट कर दिया होता तो क्‍या होता।
अंतरिक्ष कचरे में 1500 टुकड़े, खतरा
अंतर‍िक्ष में यह मलबा रूस के हजारों किलोग्राम के कोसमोस 1408 सैटलाइट से निकला था। इस सैटलाइट को पिछले साल नवंबर महीने में रूस ने अपनी मिसाइल से उड़ा दिया था। कोसमोस 1408 उपग्रह को साल 1982 में लॉन्‍च किया गया था और सेवा में नहीं होने के कारण रूस ने जानबूझकर इसे तबाह किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस अंतरिक्ष कचरे में 1500 टुकड़े हैं और आने वाले कई वर्षों तक यह स्‍पेसक्राफ्ट के लिए बड़ा खतरा बना रहेगा।
नासा ने कहा कि मलबे से बचने के लिए स्‍पेस स्‍टेशन ने 4 मिनट 34 सेकंड तक के लिए अपने थ्रस्‍टर को फायर किया। एजेंसी ने कहा कि अगर थ्रस्‍टर को फायर नहीं किया गया होता रूसी मलबा स्‍पेस स्‍टेशन से मात्र कुछ मीटर की दूरी से गुजरता। रूस ने जब नवंबर महीने में यह मिसाइल टेस्‍ट किया था तब स्‍पेस स्‍टेशन के अंतरिक्ष यात्रियों को शरण लेनी पड़ी थी ताकि मलबा आसपास से गुजर जाए। अंतरिक्ष स्‍टेशन 400 किमी की ऊंचाई पर अंतरिक्ष में चक्‍कर लगा रहा है। उस समय स्‍पेस स्‍टेशन पर रूस और अमेरिका दोनों के ही यात्री मौजूद थे। नासा ने इसे गैर जिम्‍मेदाराना हरकत करार दिया था।
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