ऐसे करें सूर्य देव की पूजा, नहीं होगी पैसो की कमी
सूर्य देव की पूजा आमतौर पर रविवार को की जाती है जिसे "रविवार" कहा जाता है। इस दिन भक्त मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा अर्घ्य, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य से करते हैं। धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रह पर लागू होने वाला एक अन्य महत्वपूर्ण तंत्र गायत्री मंत्र है। यह मंत्र सूर्य उपासना …
सूर्य देव की पूजा आमतौर पर रविवार को की जाती है जिसे "रविवार" कहा जाता है। इस दिन भक्त मुख्य रूप से सूर्य देव की पूजा अर्घ्य, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य से करते हैं। धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रह पर लागू होने वाला एक अन्य महत्वपूर्ण तंत्र गायत्री मंत्र है। यह मंत्र सूर्य उपासना का एक महत्वपूर्ण मंत्र है और इसे सूर्य ग्रह पुराणों में विशेष महत्व प्राप्त है। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रह को रुद्र का रूप माना जाता है। इसका मतलब यह है कि सूर्य देव को शक्तिशाली और क्रूर भी माना जाता है
सूर्य देव की पूजा का शुभ समय सुबह है। इसलिए सुबह समुद्र या नदी में तैरना अनुकूल माना जाता है।
सूर्य देव की पूजा करने के लिए साफ सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। इससे पूजा में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
सूर्य देव की पूजा करने के लिए किसी साफ सुथरे स्थान को सजाना चाहिए।
सूर्य देव की पूजा के लिए चावल, कुमकुम, दीपक, फूल, धूप, अगरबत्ती, इत्र, नारियल, फल, तांबे की प्लेट आदि की आवश्यकता होती है।