सभी दुखों को दूर करते है कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान भैरव की पूजा

हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की उपासना की जाती है

Update: 2021-07-31 07:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |     हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान भैरव की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान भैरव की कृपा से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।शास्त्र में काल भैरव को भगवान शिव का गण और माता पार्वती का अनुचर माना गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों में काल भैरव का बहुत महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार भैरव शब्द का अर्थ है भय को हैराने वाला। अर्थात जो उपासक काल भैरव की उपासना करता है। उसके सभी प्रकार के भय हर उठते हैं. ऐसी मान्याता है काल भैरव में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियां समाहित रहती है। आइए जानते हैं कालाष्टमी व्रत पूजा- विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।


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