बप्पा की संकष्टी चतुर्थी पर करें इस तरह पूजा, जानें इसका महत्व

सनातन धर्म में लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी को बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस विशेष दिन पर लोग बप्पा के लिए उपवास रखते हैं और उनके मंदिर अपनी-अपनी मुराद लेकर जाते हैं। इस माह यह पर्व 29 जनवरी 2024 यानी आज मनाया जा …

Update: 2024-01-28 22:41 GMT

सनातन धर्म में लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी को बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस विशेष दिन पर लोग बप्पा के लिए उपवास रखते हैं और उनके मंदिर अपनी-अपनी मुराद लेकर जाते हैं। इस माह यह पर्व 29 जनवरी 2024 यानी आज मनाया जा रहा है। ऐसे में इस दिन से जुड़े कुछ नियम जरूर जान लेने चाहिए, जो इस प्रकार है -

लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथि और समय
लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत - 29 जनवरी सुबह 06:10 मिनट से

लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी का समापन - 30 जनवरी 2024 08:54 मिनट पर

चंद्रोदय का समय - 29 जनवरी 08:39 मिनट पर

लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी का महत्व
कृष्ण पक्ष माघ माह में आने वाली चतुर्थी को लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस शुभ दिन पर भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और भगवान विनायक की पूजा करते हैं। यह दिन गणपति जी का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे ज्यादा शुभ दिन माना जाता है।

इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश अपनी प्रसन्नचित मुद्रा में होते हैं और जो लोग उनकी पूजा करते हैं वे उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं।

लंबोदरा संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
घर के पूजा कक्ष को साफ करें।
भगवान गणेश की एक प्रतिमा स्थापित करें।
प्रतिमा के समक्ष घी का दीया जलाएं।
मूर्ति को पीले फूलों की माला और दूर्वा घास से सजाएं।
मिठाइयों और मोदक का भोग लगाएं।
भगवान गणेश के मंत्र का जाप करें।
संकष्टी चतुर्थी कथा का पाठ करें।
भगवान गणेश की आरती भाव के साथ करें।
चंद्रमा को जल चढ़ाएं और बप्पा को भोग लगाने के बाद अपना व्रत खोलें।

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