पंजाबी दुल्हन क्यों तोड़ती है कलीरे, क्या है इसका महत्व

Update: 2023-09-17 09:51 GMT
धर्म अध्यात्म: भारत देश में अलग-अलग सभ्यताएं और संस्कृतियां है. यहां पर अनेकों प्रांत भी हैं और हर प्रांत में शादी से जुड़े अलग-अलग रीति रिवाज़ निभाए जाते हैं. विवाह हर व्यक्ति के लिए बेहद ही ख़ूबसूरत एहसास होता है. शादी न सिर्फ 2 लोगों का मिलन है, बल्कि इससे दो परिवार भी आपस में जुड़ते हैं. साथ ही जीवन के इस नए पड़ाव में दुल्हा दुल्हन के लिए लोगों का आशीर्वाद भी बेहद महत्वपूर्ण होता है. भारत वर्ष की अलग-अलग परंपराओं में विवाह के दौरान कई तरह की रस्में संपन्न होती हैं. ऐसे ही एक रस्म है पंजाबी शादी में, जो बेहद दिलचस्प और हटकर है. इस रिवाज़ के अनुसार, पंजाबी दुल्हन अपनी शादी में कलीरे तोड़ती हैं, जो बहुत शुभ माना जाता है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं किस कारण से इस रस्म को किया जाता है.
पंजाबी शादी में कलीरे का महत्व
पंजाबी शादी में कलीरे को बेहद ख़ास माना गया है. कलीरा सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. पंजाबी विवाह के दौरान कलीरा विवाह का सूचक और शुभता का प्रतीक माना गया हैं, इसलिए पंजाबी शादियों में दुल्हन कलीरा बांधती है, ताकि उसका विवाह निर्विघ्न पूरा हो पाए.
पंजाबी शादी में क्या है कलीरे तोड़ने का महत्व
पंजाबी विवाह में दुलहन अपनी शादी में कलीरे तोड़ती है. वास्तव में शादी के दौरान दुल्हन वहां पर मौजूद कुंवारी लड़कियों के ऊपर कलीरे तोड़ती है. दुल्हन वहां पर मौजूद सभी लड़कियों के ऊपर अपने कलीरे तोड़ती है, और जिस पर यह कलीरा गिरता है. माना जाता है उसकी शादी जल्दी ही हो जाएगी.
अन्य मान्यता है
साथ ही यह भी माना जाता है कि उस लड़की को दुल्हन की तरह समृद्ध, प्यारा और उत्तम वर प्राप्त होगा. कुंवारी लड़की को उस टूटे हुए कलीरे को अपने विवाह तक रखना होता है. यह उसके लिए बेहद शुभ माना जाता है.
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