वरद चतुर्थी कब मनाई जाएगी इस दिन करें गणेश स्तुति करे पाठ

धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा-उपासना करते हैं, उस व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

Update: 2022-01-06 06:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती है. हिन्दु धर्मग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश (Lord Ganesha) की तिथि है. अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. Vinayak Chaturthi 2022 Katha: विनायक चतुर्थी के दिन जरूर सुनें ये व्रत कथा, हर मनोकामना होगी पूरी

पौष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi 2022) के नाम से जाना जाता है. इस बार वरद चतुर्थी 6 जनवरी के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भगवान गणेश जी पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा-उपासना करते हैं, उस व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.Today's Panchang 6 January 2021: वरद चतुर्थी आज, इस शुभ मुहूर्त पर करें भगवान गणेश की पूजा, पढ़ें पंचांग
वरद चतुर्थी शुभ मुहूर्त 
पौष, शुक्ल चतुर्थी
प्रारम्भ – 02:34 पी एम, जनवरी 05
समाप्त – 12:29 पी एम, जनवरी 06 Also Read - Budhwar ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें ये उपाय, मिलेगा भगवान गणेश जी का आशीर्वाद
गणेश स्तुति का करें पाठ
श्लोक
ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्.
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥
स्तुति
गाइये गनपति जगबंदन.
संकर-सुवन भवानी नंदन ॥ 1 ॥
गाइये गनपति जगबंदन.
सिद्धि-सदन, गज बदन, बिनायक.
कृपा-सिंधु, सुंदर सब-लायक ॥ 2 ॥
गाइये गनपति जगबंदन.
मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता.
बिद्या-बारिधि, बुद्धि बिधाता ॥ 3 ॥
गाइये गनपति जगबंदन.
मांगत तुलसिदास कर जोरे.
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥ 4 ॥
गाइये गनपति जगबंदन.


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