सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन सिंह संक्रांति को विशेष माना गया हैं। वैसे तो हर महीने संक्रांति मनाई जाती हैं लेकिन सिंह संक्रांति बेहद ही खास मानी गई हैं जिस दिन सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता हैं उस दिन संक्रांति का पर्व मनाया जाता हैं।
अभी सावन का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली संक्रांति को सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता हैं इस इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद सूर्य पूजा आराधना की जाती हैं सिंह संक्रांति पर दान पुण्य के कार्य करना उत्तम बताया गया हैं माना जाता हैं कि इस दिन अगर गरीबों को दान किया जाए तो ऐश्वर्य, कीर्ति और बल की प्राप्ति होती हैं साथ ही आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। इस बार सावन सिंह संक्रांति कल यानी 17 अगस्त दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सिंह संक्रांति की पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
सिंह संक्रांति की तिथि और मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार सिंह संक्रांति 17 अगस्त दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य कर्क राशि से निकलकर दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएगा। सूर्य का राशि परिवर्तन सभी राशियों पर शुभ अशुभ प्रभाव डालता हैं। इस दिन सूर्य पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 17 अगस्त की सुबह 6 बजकर 44 मिनट से दोपहर 1 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
आपको बता दें कि सिंह संक्रांति के नि सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल पुष्प, लाल चंदन, गेहूं के कुछ दानें डालें फिर 'ऊं आदित्याय नम:' मंत्र का जाप करते हुए जल की धारा बनाकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें तीन बार उसी स्थान पर परिक्रमा लगाएं और फिर गरीबों व जरूरतमंदों को तांबा, गेंहू, गुड़, तिल आदि का दान जरूर करें।