शारदीय नवरात्रि का शुभ आरम्भ 15 अक्टूबर से होने जा रहा है। मां दुर्गा के भक्त नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। पूरे वर्ष में,चार नवरात्रि मनाई जाती है। आगामी नवरात्रि शारदीय होगी, जो आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाएगी। इस दौरान, भक्त मां दुर्गा और उनके नौ अवतारों - नवदुर्गाओं की पूजा करते हैं। यह त्यौहार नौ दिनों तक मनाया जाता है, इसलिए सही तिथियों और कलश स्थापना के सही मुहूर्त को जानना आवश्यक है। नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना की जाती है। मान्यता है कि कलश स्थापना मुहूर्त में ही करनी चाहिए, क्योंकि नौ दिनों यह देवी के स्वरूप में आपके निवास स्थान में विराजमान रहता है।
कलश स्थापना में शुभ मुहूर्त का रखें ध्यान
शारदीय नवरात्रि का आरंभ 15 अक्टूबर से होने जा रहा हैं । नवरात्रि में कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही की जानी चाहिए। माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कलश स्थापना के लिए शुभ योग हस्त नक्षत्र प्रतिपदा तिथि होनी चाहिए। परन्तु इस बार ऐसा समभ नहीं है पंचांग के अनुसार 15 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग पड़ रहा है,जो अशुभ माना जाता है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कलश स्थापना हमेशा अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि में करना ही शुभ माना गया है। इस बार 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:38 मिनट सें शुरू हो रहा है और दोपहर 12:23 मिनट तक रहेगा। इसके उपरांत 12:24 मिनट से वैधृति योग शुरू हो जाएगा। ऐसे में इस बार शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए मात्र 45 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है।
हाथी पर सवार होकर आ रही हैं माता रानी
इस बार शारदीय नवरात्रि में माता रानी हाथी पर सवार होकर धरती पर पधारेंगी। यह एक शुभ संकेत है। इस वर्ष सर्वत्र संपन्नता रहेगी और देश में अच्छी वर्षा होने की भी सम्भावना है।