इन कारणों से हो सकती है मान-सम्मान की हानि

Update: 2023-07-15 16:00 GMT
आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना गया हैं इनकी नीतियां देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता हैं। माना जाता हैं कि इनकी नीतियों का अनुसरण अगर कर लिया जाए तो व्यक्ति का जीवन सरल और सफल हो जाएगा।
चाणक्य ने मनुष्य जीवन से जुड़े हर पहलु पर अपनी नीतियां बनाई हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों के जरिए बताया हैं कि मनुष्य को कैसे धन को भूलकर भी हाथ नहीं लगाना चाहिए। वरना मान सम्मान की हानि उठानी पड़ सकती हैं, तो आज हम अपने इस लेख में इसी विषय पर चर्चा कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति।
आज की चाणक्य नीति—
चाणक्य नीति अनुसार मनुष्य को भूलकर भी ऐसे धन को हाथ नहीं लगाना चाहिए। जिसके लिए उसे सदाचार का त्याग करना पड़ें। जो लोग धन के लिए सदाचार का त्याग करते हैं उन्हें समाज में सम्मान नहीं मिलता हैं ऐसे लोगों को मान सम्मान की हानि उठानी पड़ती हैं इसके अलावा जो धन शत्रु की चापलूसी करके प्राप्त होता हैं उसके कारण व्यक्ति को हमेशा अपमानति होना पड़ता हैं साथ ही व्यक्ति भीतर ही भीतर आत्मग्लानि को भी महसूस करता हैं।
ऐसे में इस तरह के धन का त्याग करना ही उचित मार्ग हैं। चाणक्य नीति में आगे बताया गया हैं कि जिस धन के कारण यातनाएं सहनी पड़े ऐसे धन को भी कभी हाथ नहीं लगाना चाहिए। वरना मनुष्य हमेशा ही दुखी बना रहता हैं।
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