इन लोगों को पहनना चाहिए नीलम रत्न, बना देता है रंक से राजा
ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न बताए हैं। हर एक रत्न की अपनी एक खासियत है
ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न बताए हैं। हर एक रत्न की अपनी एक खासियत है। इन्हीं रत्नों में से एक है नीलम। ये रत्न शनि ग्रह को समर्पित है। कहा जाता है कि नीलम रत्न जिसे सूट कर गया तो रंक को राजा बना देता है। वहीं जिन्हें सूट नहीं करता तो राजा को रंग बनने में देर नहीं लगती है। इसलिए ज्योतिष की सलाह के बगैर इसे बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए। जानिए किन लोगों के लिए नीलम रत्न धारण करना है फायदेमंद।
इन लोगों को पहनना चाहिए नीलम रत्न
जिन जातकों की कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में हैं वह लोग नीलम रत्न को धारण कर सकते हैं।
अगर जन्मपत्रिका में शनि चौथे, पांचवें, दसवें या फिर 11वें भाव में हो तो वह लोग नीलम रत्न धारण कर सकते हैं।
अगर कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैय्या, महादशा चल रही हो तो नीलम रत्न धारण करना शुभ साबित होगा।
अगर कुंडली में शनि, गुरु का नवपंचम योग है और शनि का किसी दूसरे ग्रह के साथ प्रतियोग नहीं है तो नीलम रत्न रत्न पहनना शुभ होगा।
अगर शनि शुभ भावों का प्रतिनिधित्व कर रहा हैं और वह वक्री या दुर्बल है तो ज्योतिष की सलाह से नीलम रत्न रत्न धारण कर सकते हैं।
अगर शनि षष्ठेश या फिर अष्टमेश के संग बैठा है तो जातक नीलम पहन सकते हैं।
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कैसे धारण करें नीलम रत्न
नीलम रत्न को पंच धातु या फिर सोने की अंगूठी में धारण करना अच्छा माना जाता है। इसे धारण करने वाले दिन पूजा वाले स्थान में काले कपड़े के ऊपर रख दें। इसके बाद एक कटोरी में दूध और पानी लें और इसमें रत्न को डाल दें। इसके बाद शनि के मंत्र 'ऊँ प्राम् प्रीम् स: शनैश्चरा. नम:' का 108 बार जाप करें। फिर अंगूठी को कटोरी से निकालकर गंगाजल से धोकर सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में पहन लें।
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ऐसे जानें शुभ है कि अशुभ ये रत्न
ज्योतिष के अनुसार, यह रत्न हर किसी को शुभ फल नहीं देता है। इसलिए इसे पहनने से एक सप्ताह पहले इसका ये उपाय करके आसानी से जान सकते हैं कि आपके लिए शुभ है कि अशुभ।
नीलम रत्न को एक नीले कपड़े में लपेटकर तकिए के नीचे एक सप्ताह के लिए रख लें। अगर आपको बुरे सपने आए, सोने में परेशानी हो या फिर किसी भी तरह की बैचेनी हो तो समझ लें कि यह आपको सूट नहीं करेगा।