होलिका दहन पूजा में इन मंत्रों को शामिल, जरूर करें होगा सभी कष्ट दूर
होली से एक दिन पहले आज देशभर में होलिका दहन का पर्व मनाया जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | होली से एक दिन पहले आज देशभर में होलिका दहन का पर्व मनाया जा रहा है। होलिका दहन का पर्व असत्य पर सत्य की जीत के रुप में मनाया जाता है। होलिका दहन का पर्व हर साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। उसके अगले दिन होली खेली जाती है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा में सूर्योदय हो उसी दिन होली मनाया जाता है।
होलिका दहन पर बन रहा है ये शुभ योग
इस साल होलिका दहन पर एक साथ तीन-तीन शुभ योग बन रहा है। गुरु ग्रह की दृष्टि संबंध चंद्रमा से होने से आज गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही आज वरिष्ठ और केदार योग भी बन रहा है। होलिका दहन पर ग्रहों की स्थिति से शत्रुओं पर विजय औ रोगों से मुक्ति मिलेगी।
होलिका दहन पूजन शुभ मुहूर्त
होलिका दहन पूजन का शुभ मुहूर्त आज शाम 09 बजकर 06 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक है। होलिका दहन का समय 01 घंटा 10 मिनट है। इस दौरान भद्रा पूंछ रात 09 बजकर 06 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। भद्रा मुख रात 10 बजकर 16 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
होलिका दहन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। अगर आप होलिका दहन के दिन कुछ उपायों को करें तो पूरे साल अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं।
होलिका पूजन मंत्र
अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:
अतस्तां पूजयिष्यामि भूति भूति प्रदायिनीम।
होलिका दहन कार्यक्रम करते समय पूजन करते समय यह मंत्र बोलना न भूलें।
'ॐ होलिकायै नम:' बोलकर गंध-अक्षत इत्यादि चढ़ाएं।
'ॐ प्रहलादाय नम:' बोलकर गंधाक्षत करें।
'ॐ नृसिंहाय नम:' बोलकर गंधाक्षत करें।
इसके बाद 7 बार होलिका पर सूत लपेट दें। अपनी मनोकामना मन ही मन बोलें। होलिका की 3 परिक्रमा कर समस्त पूजन सामग्री पास ही रखकर जल चढ़ाकर वापस आएं। इस पूजन के बाद की जाने वाली प्रार्थना जल्द ही पूर्ण होती है। साधारणतया लकड़ी कई दिनों तक जलती है। यह आवश्यक नहीं है।
यदि होलिका जल्दी ठंडी होती है तो यह अच्छा माना जाता है। होली पर कई सारे उपाय और मंत्र आजमाए जाते हैं। लेकिन सही मायनों में मात्र एक ही मंत्र है जिसके जप से होली पर पूजा की जाती है और इसी शुभ मंत्र से सुख, समृद्धि और सफलता के द्वार खोले जा सकते हैं।