इस दिन शुरू होगी बद्रीनाथ धाम कपाट खुलने की प्रक्रिया

Update: 2023-01-29 11:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान हो गया है. ऐसे में बद्रीनाथ धाम के भक्तों को इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि वे यात्रा कब कर सकेंगे और दर्शनों का लाभ भी उन्हें कब से मिलेगा. दरअसल हर वर्ष लाखों की संख्या में देश और दुनिया से लोग चार धाम यात्रा के लिए जाते हैं. इसमें बद्रीनाथ धाम भी शामिल है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष कब से बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया कब से शुरू हो रही है. यही नहीं बद्रीनाथ धाम खुलने और बंद होने में घी का भी खास महत्व है. ये घी एक बड़ा संकेत भी देता है.

इस दिन शुरू होगी बद्रीनाथ धाम कपाट खुलने की प्रक्रिया

चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया को लेकर तारीखें सामने आ चुकी हैं. इसके मुताबिक, इस वर्ष 12 अप्रैल 2023 को गाड़ू घड़ा तेल कलश यात्रा की तिथि तय हुई है, इस दिन जो वार पड़ रहा है वो है बुधवार. वहीं कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे. शुभ मुहूर्त की बात करें तो ये सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर है. इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख भी सामने आ गई है. ये तारीख है 19 नवंबर 2023 जब धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे.

 

दरअसल बद्रीनाथ धाम के कपाट हर वर्ष 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं. ऐसा सर्दियों को लेकर और बाबा के विश्राम के लिहाज से किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि, 6 मास भगवान विष्णु यानी बद्रीनाथ विश्राम करते हैं. बता दें कि बद्रीनाथ में भगवान विष्णु का ही स्वरूप विराजमान है. इसे विष्णु के 24 स्वरूपों में से एक नारायण स्वरूप माना गया है. इसी नारायण स्वरूप की बद्रीनाथ धाम में पूजा की जाती है.

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने और बंद होने में घी का खास महत्व

बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की भी विशेष प्रक्रिया है. ये कपाट एक चाबी से नहीं बल्कि तीन अलग-अलग चाबियों से खोले जाते हैं. इन तीनों चाबियों को तीन अलग-अलग लोगों के पास रखा जाता है. ये तीनों लोग भी पहले से ही तय होते हैं.

जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होते हैं तब भी खास प्रक्रिया को फॉलो किया जाता है. इसके तहत श्रीहरि की शालिग्राम प्रतिमा पर घी का विशेष लेप लगाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जब बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं तो प्रतिमा पर घी पूर्व स्थिति यानी स्थास्थिति में ही पाया जाता है तो ये पूरा वर्ष सभी के लिए खुशहाली से भरा गुजरने वाला होता है. लेकिन अगर घी सूख गया हो या फिर निकल गया हो तो ऐसा माना जाता है कि कोई बड़ी विपत्ति आ सकती है. 

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