आज से शुरू खरमास का महीना शुभ कार्य, जानें क्या करें और क्या नहीं

आज रात से खरमास शुरू हो रहा है। खरमास को मलमास भी कहते हैं। इस साल खरमास 14 मार्च से शुरू होकर 14 अप्रैल तक रहेगा।

Update: 2022-03-14 10:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  आज रात से खरमास शुरू हो रहा है। खरमास को मलमास भी कहते हैं। इस साल खरमास 14 मार्च से शुरू होकर 14 अप्रैल तक रहेगा। सूर्य का कुंभ की राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश होने के कारण खरमास लग जाएगा। हिंदू पंचाग के मुताबिक 14 मार्च की रात 2.39 बजे सूर्य कुंभ से निकलकर गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल को सुबह 10.53 बजे मेष राशि में प्रवेश करने से खरमास समाप्त हो जाएगा।

हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। खरमास समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं
ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्य देव जब गुरु की राशि धनु या फिर मीन में प्रवेश करते हैं, तो उस राशि के जातकों के लिए अच्छा नहीं होता। बृहस्पति सूर्यदेव के गुरु हैं। ऐसे में सूर्यदेव एक महीने तक अपने गुरु की सेवा करते हैं। खरमास के दौरान नियमों का पालन करना जरूरी होती है। इस दौरान कुछ चीजों का उल्लेख किया गया है कि क्या करें और क्या नहीं।
खरमास में इन नियमों का ध्यान रखें
- खरमास का महीना दान और पुण्य महीना होता है। मान्यता है कि इस माह में बिना किसी स्वार्थ के किए गए दान का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए खरमास के महीने में जितना संभव हो, जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
- ये महीना भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा का माह होता है। ऐसे में आप नियमित रूप से गीता का पाठ करें। विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ें और श्रीकृष्ण और विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें।
- खरमास में तुलसी की पूजा करना से लाभ मिलता है। शाम के समय में तुलसी के पेड़ के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन की परेशानियां कम होती है।
- खरमास के दौरान रोजाना सुबह सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए और सूर्य को जल देना चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान सूर्य देव कमजोर होते हैं। ऐसे में उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है।
- खरमास के महीने में गौ सेवा का विशेष महत्व है। इस दौरान गायों का पूजन करें। उन्हें हल्दी का तिलक लगाकर गुड़-चना खिलाएं। हरा चारा खिलाएं। इससे श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
खरमास के कुप्रभाव से बचने के लिए क्या करें
- ज्योतिषियों के अनुसार खरमास के दिनों में भगवान भास्कर की पूजा और उपासना करने से साधक को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- कहते हैं कि खरमास में भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है. साथ ही घर में यश-वैभव का आगमन होता है।
- धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि इन दिनों में गौ माता, गुरुदेव और साधुजनों की सेवा करें. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है
- खरमास के दौरान नियमित रूप से भगवान भास्कर को लाल रंग युक्त जल का अर्ध्य दें. साथ ही, सूर्य मंत्र का जाप करना लाभदायी है।
- खरमास में गरीबों और जरूरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य करें।
खरमास के दौरान न करें ये काम
- इस दौरान मांगलिक कार्यों की मनाही होती है. इसलिए इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य न करें
- तामसिक भोजन से बचें।
- किसी से वाद-विवाद न करें।
- ज्योतिषियों के अनुसार खरमास में बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए।
- कारोबार का श्रीगणेश न करें।
- देवी-देवताओं और पक्षियों के प्रति अप्रिय शब्दों का प्रयोग बिल्कुल न करें।


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