इस माह मनाई जाएगी सूर्य महापर्व छठ, जानिए तिथि व पूजन सामग्री

जानिए तिथि व पूजन सामग्री

Update: 2022-10-06 11:14 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष . हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और हर पर्व का अपना महत्व होता है वही अक्टूबर माह में छठ का पर्व देशभर में मनाया जाएगा। इस पर्व को सूर्य साधना और उपासना का महापर्व माना गया है हर साल दिवाली के छठ दिनों के बाद छठ का पर्व मनाया जाता है इस साल यह पर्व 30 अक्टूबर 2022 से आरंभ हो जाएगा। यह पूरे तीन दिनों तक चलने वाला त्योहार है
इस पर्व को बिहार, उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस पर्व को सबसे अधिक बिहार में मनाया जाता है यहां पर छठ की रौनक अलग ही देखने को मिलती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा छठ महापर्व से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ पर्व में लोग सूर्यदेव की आराधना करके छठ माता की पूजा करते हैं इस पूजा में छठ माता को चढ़ने वाला चढ़ावा बहुत ही खास होता है लोग अपनी आस्था और इच्छा अनुसार छठ मईया को भेंट अर्पित करते हैं लेकिन इस पूजा में कुछ चीजों का होना बेहद जरूरी माना जाता है इन सामग्रियों को एक डलिया में रखकर माता को अर्पित किया जाता है।
इन चीजों के बिना अधूरी है छठ पूजा—
आपको बता दें कि छठ महापर्व की पूजा में पीतल का सूप सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है इसके बाद जरूरत होती है बांस से बनी डलिया की, जो डगरा या डल्ला के नाम से जाना जाता है पूजा कि डलिया को कई चीजों से भरा जाता है ​इसमें सूतनी, शक्करकंदी, हल्दी की गांठ और अदरक का पौधा रखा जाता है वही चंढ़ावे की डलिया में हरा नारियल, गन्न जिसमें पत्ते लगे होते हैं उसे रखा जाता है नाशपाती, नींबू, पपीता आदि कई तरह के फल इस डलिया में रखा जाता है फिर इसमें शहद, पान, सुपारी, लौंग और इलायची भी रखा जाता है डलिया में सुहाग की पूरी सामग्री रखी जाती है
वही लाल चूड़ी और पीले रंग की साड़ी माता को अर्पित करने के लिए रखा जाता है । डलिया में चावल से बने लड्डू, पुआ, ठेकुआ, मुरमुरे और तिल के साथ लोहे या फिर तांबे का एक लोटा रखा जाता है जिसमें शुद्ध जल लेकर सूर्यदेव को अर्पित किया जाता है यह पूजा केले के बिना अधूरी मानी जाती है इसलिए इस डलिया में केले का पूरा गुच्छा जरूर रखा जाता है और गुड़ माता को अर्पित करने के लिए रखा जाता है मान्यता है कि इन सामग्रियों के बिना छठ पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है और ना ही व्रत पूजन का पूर्ण फल जातक को प्राप्त होता है।
Tags:    

Similar News

-->