जहरीले सांप से भी ज्‍यादा खतरनाक होते हैं ऐसे लोग

चाणक्‍य नीति मुसीबतों से बचाने और अच्‍छा जीवन पाने के गुर बताती है.

Update: 2022-07-08 16:53 GMT

चाणक्‍य नीति मुसीबतों से बचाने और अच्‍छा जीवन पाने के गुर बताती है. आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि लोगों का साथ मुश्किल वक्‍त में बहुत मदद भी देता है और कई बार ये लोग ही जीवन में ढेरों मुसीबतों का कारण बन जाते हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे लोग कैसे हैं. चाणक्‍य नीति कहती है कि हमेशा अपने दोस्‍तों का चयन बहुत सोच-समझकर करें. क्‍योंकि गलत व्‍यक्ति का साथ आपको एक झटके में बर्बाद कर सकता है.

बहुत खतरनाक साबित होते हैं ऐसे लोग
आचार्य चाणक्‍य ने चाणक्‍य नीति में एक श्‍लोक लिखा है, जिसमें धोखेबाज व्‍यक्ति की तुलना सांप से की गई है.
'दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः .
सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे ..
तक्षकस्य विषं दन्ते मक्षिकायास्तु मस्तके.
वृश्चिकस्य विषं पुच्छे सर्वाङ्गे दुर्जने विषम्..'
इस श्‍लोक में आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि दुर्जन (दुष्‍ट, चालाक और धोखेबाज) व्‍यक्ति से बेहतर सांप है. क्‍योंकि सांप तभी नुकसान पहुंचाता है, जब उसे परेशान किया जाए. लेकिन दुर्जन व्‍यक्ति का साथ आपको हमेशा खतरे में रखता है. ऐसे व्‍यक्ति के साथ आप हमेशा अच्‍छा करें तो भी वह आपको नुकसान पहुंचाने की ही फिराक में रहता है. ऐसे लोग जहरीले सांप से ज्‍यादा खतरनाक होते हैं. ये आपके सामने अच्‍छे-भले दिखाई देते हैं और अच्‍छा व्‍यवहार करते हैं. लेकिन आपके पीठ पीछे आपको नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सांप अपने दांत से जहर छोड़ता है, बिच्छू की पूंछ में जहर होता है लेकिन दुष्ट व्यक्ति का तो पूरा शरीर और मन विषैला होता है. वो किसी भी तरीके से आपको नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहें


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