इस आसान विधि से करें अपने कमजोर शुक्र को मजबूत

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का विशेष स्थान है. शुक्र को ऐश्वर्य, दामपत्य जीवन, सुख और विलासिता कारक माना गया है.

Update: 2022-02-11 07:40 GMT

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का विशेष स्थान है. शुक्र को ऐश्वर्य, दामपत्य जीवन, सुख और विलासिता कारक माना गया है. शुक्र अगर किसी जातक की कुंडली में मजबूत होता है तो उसे जीवन में हर तरह की सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं. वहीं यदि कुंडली में शुक्र कमजोर है तो जातक को आर्थिक दिक्कतें और वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि शुक्र ग्रह के कमजोर होने के संकेत क्या हैं और इसे किस प्रकार मजबूत किया जा सकता है.

कुंडली में शुक्र के कमजोर होने के संकेत
अगर लगातार आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो यह इस बात का संकेत है कि कुंडली का शुक्र कमजोर है. घर में पैसा नी टिकना भी कमजोर शुक्र का लक्षण माना जाता है. साथ ही यदि वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति बनी हुई है, तो ये ही कमजोर शुक्र की निशानी है. इसके अलावा अगर मान-सम्मान में कमी आने लगे तो समझ लेना चाहिए कि कुंडली का शुक्र कमजोर है.
कुंडली में शुक्र के शुभ संकेत
जब जिंदगी में अचानक भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होने लगे तो ये शुक्र के शुभ होने का संकेत है. साथ ही अगर अचानक किसी कार्य में सफलता मिलने लगे तो समझना चाहिए कि कुंडली का शुक्र शुभ स्थिति में है. वहीं अगर मान-सम्मान में अचानक वृद्धि होने लगे तो यह कुंडली में शुक्र के मजबूत होने का संकेत है.
शुक्र को मजबूत करने के लिए क्या करें?
शुक्लपक्ष के शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन शुक्र के मंत्रों का जाप करने से कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है. महिलाओं का सम्मान करने से शुक्र मजबूत होता है. शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की उपासना करने से शुक्र का शुभ परिणाम मिलता है. इसके अलावा शुक्रवार के दिन दान करने से शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.


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