भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पूजा में पढ़ें ये आरती

Update: 2023-06-22 06:43 GMT
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता हैं वही गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा अर्चना को समर्पित किया गया हैं माना जाता हैं कि समर्पित दिनों पर अगर देवी देवताओं की आराधना की जाए तो उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं।
ऐसे में हर कोई आज के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करता हैं और व्रत आदि भी रखता हैं लेकिन किसी भी देवी देवता की व्रत पूजा का पूर्ण बिना आरती के नहीं मिलता हैं ऐसे में अगर आप आज गुरुवार के दिन विष्णु आराधना कर रहे हैं तो प्रभु की प्रिय आरती का पाठ जरूर करें ऐसा करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान विष्णु की संपूर्ण आरती।
श्री विष्णु आरती-
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
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