मौनी अमावस्या पर इस विधि से करें तुलसी पूजा
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी माघ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या हर साल …
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी माघ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है।
इस दिन प्रयागराज में माघ मेले में मौनी अमावस्या का स्नान करना लाभकारी माना जाता है। अमावस्या तिथि पर स्नान दान व पूजा पाठ का विशेष विधान होता है मान्यता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि आती है लेकिन इसी के साथ ही अगर मौनी अमावस्या के दिन तुलसी पूजन विधिवत किया जाए तो माता लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होकर धन लाभ का आशीर्वाद प्रदान करती है, तो आज हम आपको मौनी अमावस्या पर तुलसी पूजा की विधि बता रहे हैं।
मौनी अमावस्या पर तुलसी विधि—
मौनी अमावस्या के दिन तुलसी पूजन करना लाभकारी माना जाता है। ऐसे में अमावस्या तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। फिर तुलसी पूजन की सामग्री एकत्रित कर देवी तुलसी को लाल चुनरी अर्पित करें इसके बाद तुलसी में कच्चा दूध अर्पित करके घी का दीपक जलाएं ऐसा करने से सुख शांति बनी रहती है और सौभाग्य बढ़ता है। अमावस्या पर पीले रंग के धागे में 108 गांठ लगाएं इसके साथ ही इसे तुलसी में बांधकर परिक्रमा करें और विधिवत पूजा करें। साथ ही तुलसी पर कलावा भी चढ़ाएं। इसके बाद तुलसी जी के मंत्रों का जाप करके भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और अपनी प्रार्थना देवी तुलसी से कहें।
यहां पढ़ें तुलसी पूजा मंत्र—
वी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
मां तुलसी का पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।