Sharad Purnima की नोट करें संपूर्ण विधि और नियम

Update: 2024-09-27 13:14 GMT
Sharad Purnima ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद माता लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है।
 साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा पड़ती है इस दिन कोई भी कार्य करने पर सिद्धि मिलती है। शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा
 करने के साथ ही चंद्रमा को जल अर्पित करने से मानसिक तनाव दूर हो जाता है साथ ही घर में सुख शांति और समृद्धि आती हैं। इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी तो आज हम आपको पूजा की सरल विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 शरद पूर्णिमा की सरल पूजा विधि—
आपको बता दें कि शरद पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद विधि विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। इस दिन लक्ष्मी नारायण के मंदिर जाना उत्तम माना जाता है मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की पूजा कर देवी को खीर का भोग अर्पित करने से जीवन की समस्याओं का समापन हो जाता है साथ ही रोग दोष भी दूर होते हैं इस दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ करना भी अच्छा माना जाता है।
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