निर्जला एकादशी पर ये 5 गलती भूलकर ना करें, बेहद अशुभ होते हैं परिणाम!
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, हर महीने में दो और सालभर 24 में एकादशी आती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिन्दू पंचांग के मुताबिक, हर महीने में दो और सालभर 24 में एकादशी आती है। 24 एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) को माना गया है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाले एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। निर्जला एकादशी के व्रत के दौरान ना कुछ खाया जाता है और ना ही कुछ पीना होता है। निर्जला एकदशी का व्रत सबसे ज्यादा कठिन माना जाता है। अगर आप सालभर में आने वाली 24 एकादशियों का व्रत नहीं रख पाते हैं तो सिर्फ निर्जला एकादशी का व्रत रखने से ही आपको सभी एकादशियों का लाभ मिल जाता है।
निर्जला एकादशी पर बिना पानी पिए हुए व्रत रखा जाता है। चूंकि निर्जला एकादशी उस समय पड़ती है जब भीषण गर्मी होती है। ऐसे में भक्त कष्ट सहकर भी यह व्रत रखकर भगवान को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। मान्यता के मुताबिक निर्जला एकादशी का व्रत रखने से श्रीहरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मनुष्य को सभी प्रकार के पाप कर्म से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
निर्जला एकादशी का व्रत इस बार 10 जून शुक्रवार को रखा जाएगा। आइए जानते हैं कि निर्जला एकादशी के व्रत में कौन-कौन सी गलतियों से बचना चाहिए।
निषेध है नमक का सेवन
शास्त्रों के मुताबिक निर्जला एकादशी के व्रत के दौरान नमक का सेवन निषेध है। ऐसे में व्रत रखने वालों को उपवास के दौरान नमक ना सेवन करने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि एकादशी के दौरान नमक का सेवन करने से व्रत भंग हो जाता है। साथ ही व्रती को इसका दोष भी लगता है।
इस दिन ना खाएं चावल
एकादशी के दिन चावल का सेवन निषेध माना गया है। मान्यता के मुताबिक एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से व्रत का लाभ नहीं मिलता है। इतना ही नहीं निर्जला एकादशी के दिन घर के अन्य सदस्यों को भी चावल खाने से बचना चाहिए। इसलिए एकादशी के दिन जहां तक संभव हो रोटी का ही सेवन करना चाहिए।
एकादशी के दिन इन चीजों से बचें
निर्जला एकादशी के दिन नमक और चावल के अलावे बैंगन, मूली, प्याज, लहसुन, सेम, मसूर की दाल का भी सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे में अगर आप भी एकादशी का व्रत रखना चाहते हैं तो इन चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें।
व्रत के दौरान ना करें ये गलती
निर्जला एकादशी व्रत के नियम के मुताबिक व्रत के दौरान में मन को बेहद ही पवित्र रखा जाता है। मान्यता के मुताबिक व्रत के दौरान व्रति के मन में किसी के भी प्रति बुरे विचार नहीं रखने चाहिए। इस दिन कलह, ईर्ष्या, वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए।
बिस्तर पर ना सोए
इस दिन बिस्तर पर सोने की बजाय फर्श पर सोना अच्छा माना गया है.
निर्जला एकादशी पूजा विधि
- निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनने के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिए।
- सबसे पहले घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करनी चाहिए।
- भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करने के बाद फूल और तुलसी पत्र चढ़ाना चाहिए।
- भगवान को सात्विक चीजों का भोग लगाना चाहिए।
- इसके बाद आरती करनी चाहिए और निर्जला एकादशी व्रत कथा पढ़नी या चुननी चाहिए।