घर की इस दिशा में होता है धन के देवता कुबेर, इन बातों का रखे ध्यान

वास्तु शास्त्र में दिशाओं पर विशेष जोर दिया गया है. हर दिशा का स्वामी अलग है.

Update: 2022-04-11 13:03 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  वास्तु शास्त्र में दिशाओं पर विशेष जोर दिया गया है. हर दिशा का स्वामी अलग है.घर को वास्तु दोष से मुक्त रखने के लिए दिशाओं का ध्यान रखना जरूरी है. किसी भी दिशा में कोई भी सामान नहीं रखा जा सकता. हर सामान ही एक निश्चित दिशा होती है. उसी प्रकार घर की उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर होते हैं. इसी वजह से लोग उत्तर मुखी घर बनवाने की कोशिश करते हैं.

वास्तु जानकारों का मानना है कि अगर घर की उत्तर दिशा में वास्तु दोष न हो तो घर में धन-दौलत में वृद्धि होती है. वहीं, इस दिशा में वास्तु दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं उत्तर दिशा से संबंधित नियम.
उत्तर दिशा के वास्तु दोष
- वास्तु जानकारों को मानना है उत्तरमुखी घर का दरवाजा पूरब की बजाए पश्चिन दिशा में हो तो इस घर के लोग ज्यादा समय तक स्थिर नहीं रह पाते. ऐसे में धन के लिए घर के मालिक का ज्यादा समय घर के बाहर की गुजरता है.
- उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख्यद्वार के पास पानी की टंकी या बोरिंग वास्तु दोष का कारण बनता है. इस तरह के घर में रहने वाली महिलाओं का मन चंचल रहता है और वे घर में कम रुकती हैं. साथ ही, घर में चोरी की संभावना भी बढ़ जाती है.
-ऐसा माना जाता है कि उत्तरमुखी जमीन पर बने घर में पश्चिम दिशा को कभी भी खाली न छोड़ें. इससे पुरुषों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
उत्तरमुखी घर से जुड़ी और भी खास बातें
-माना जाता है कि उत्तर दिशा घर के मध्य भाग से नीचे की ओर होनी चाहिए. इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है.
- घर की उत्तर दिशा में पूजा घर या गेस्ट रूम होना शुभ माना गया है. इस दिशा में रसोईघर बनवाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.
- मान्यता है कि घर की उत्तर दिशा की दीवार न तो टूटी हुई होनी चाहिए और न ही उसमें दरार होनी चाहिए.इस वजह से परिवार के सदस्यों के बीतृत दूरियां बढ़ने लगती हैं.
- भूमिगत वाटर टैंक को सदैव पूर्व-उत्तर में ही बनवाएं. इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
- उत्तर दिशा में भूलकर भी बाथरूम या टॉयलेट नहीं बनवाएं.


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