जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में हवन का विशेष महत्व है. इससे सकारात्मकता का संचार करता है. धार्मिक शास्त्रों (Yagya) के अनुसार हवन को मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इससे मानसिक तनाव दूर होता है और मन को शांति मिलती है. हवन कई तरह की सामग्री का इस्तेमाल करके किया जाता है. कपूर और आम (Mango) की लकड़ियों का इस्तेमाल करके पंडित हवन की आग जलाते हैं. मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. हवन के लिए आम की लकड़ियों का इस्तेमाल क्यों किया है क्या आपने कभी (Yagya Benefits) ये सोचा है? आइए जानें क्या हैं इसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व.
रिसर्च के अनुसार क्यों किया जाता है आम की लकड़ी का इस्तेमाल
आम की लकड़ी से कार्बन डाइऑक्साइड बहुत ही कम मात्रा में निकालती है. ये अधिक ज्वलनशील होती है. इसलिए थोड़ी सी हवा के कारण ये तुरंत जलने लगती है. एक अध्ययन के अनुसार जब आम की लकड़ी जलती है तो इसमें से फॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस निकलती है. ये खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारने का काम करती है. इससे वातावरण शुद्ध होता है. इससे प्रदूषित वायु को शुद्ध करने में मदद मिलती है. वातावरण में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया खत्म होते हैं. इसके अलावा हवन के धुएं से टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं. इससे फेफड़ें और श्वास संबंधी समस्याएं दूर होती है. ये शरीर को शुद्ध करता है.
ज्योतिष के अनुसार क्यों किया जाता है आम की लकड़ी का इस्तेमाल
हवन एक ऐसी प्रथा है जो लगभग हर भारतीय घर में होती है. इसे किसी भी नए स्थान में प्रवेश करने या गृह शांति के लिए करना बहुत ही शुभ माना जाता है. जब भी कोई नई दुकान, नया घर या नया ऑफिस लेता है तो सबसे पहले उस स्थान पर हवन कराया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और उस जगह का शुद्धिकरण होता है. इसके अलावा बच्चे के जन्म, विवाह और मृत्यु के दौरान भी हवन किया जाता है. बच्चे का जन्म होने पर ग्रहों की शांति के लिए हवन किया जाता है ताकी बच्चे के जीवन में किसी प्रकार की बाधाएं न आएं. हिंदू धर्म में अग्नि के 7 फेरे लेकर शादी के बंधन को पवित्र किया जाता है. मृत्यु के दौरान मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए हवन किया जाता है.