जानिए हिन्दू पुराणों में सूर्य का महत्व
हिन्दू पुराणों में सूर्य का बहुत महत्व बताया गया है. सूर्य को देवता का दर्जा देकर उनकी पूजा की जाती है.
हिन्दू पुराणों (Hindu Puran) में सूर्य का बहुत महत्व बताया गया है. सूर्य को देवता का दर्जा देकर उनकी पूजा की जाती है. जिस तरह सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित हैं, ठीक उसी तरह रविवार का दिन सूर्य देवता (Surya Devta) को समर्पित किया जाता है. मान्यता है कि रविवार के दिन सूर्य देव बाकी दिनों से ज्यादा ऊर्जावान और शक्तिशाली (Energetic and Powerful) होते हैं. इस दिन सूर्य देव की अराधना करने से बहुत फायदा होता है. साथ ही अगर आप अक्सर बीमार रहते हैं और इलाज कराने के बाद भी आपको आराम नहीं लग रहा है तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे सूर्य देव की उपासना करें और कैसे उन्हें जल अर्पित करें जिससे आपको लाभ हो.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
किसी व्यक्ति की तबीयत अक्सर खराब रहती है उसे मान सम्मान नहीं मिलता है और उसकी नौकरी में परेशानी आती है तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उसकी कुंडली में सूर्य कमजोर है जिसकी वजह से जातक को इन सभी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
क्या करें उपाय
अगर जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर है तो उसे हर रविवार सूर्य देव का व्रत करना चाहिए अगर व्रत करने में असुविधा हो तो हर रविवार सूर्य देवता को जल अर्पित करना चाहिए. अगर व्रत करने में सक्षम है तो कम से कम 30 या फिर 12 रविवार सूर्य देव के लिए व्रत करना चाहिए. सूर्य के बुरे प्रभावों से बचने के लिए हर रविवार को चावल में दूध और गुड़ मिलाकर खाएं, इससे काफी लाभ होगा.
फायदे
रविवार के दिन सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन की तमाम समस्याएं तो दूर होती ही हैं, साथ ही सूर्य की किरणों के प्रभाव से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
सूर्य उपासना में आप गायत्री मंत्र का भी जाप कर सकते हैं गायत्री मंत्र को रविवार का विशेष मंत्र माना गया है. इससे जातक की कुंडली में सूर्य प्रबल होता है.