जानें सावन माह में रुद्राभिषेक का महत्व और इससे मिलने वाले फायदे

हिंदू कैलेंडर के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है, फिर इसके बाद 14 जुलाई से हिंदू विक्रम संवत 2079 का पांचवां महीना सावन आरंभ हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है।

Update: 2022-06-30 03:17 GMT

हिंदू कैलेंडर के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है, फिर इसके बाद 14 जुलाई से हिंदू विक्रम संवत 2079 का पांचवां महीना सावन आरंभ हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है। यह माह भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है। सावन के महीने में लोग भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना करते हैं। सावन के महीने शिव भक्त मंदिर में जाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर तरह की मनोकामनओं की पूर्ति करते हैं। इस कारण से सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने का खास महत्व होता है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक अलग-अलग चीजों से किया जा जाता है जिसका विशेष महत्व होता है। ऐसे में सावन माह के शुरू होने से पहले हम आपको उन वस्तुओं से भगवान शिव का अभिषेक और इससे मिलने वाले फल के बारे में जानकारी देते हैं।

भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। सावन के महीने के प्रत्येक दिन भगवान शिव का अभिषेक गाय के दूध और विशेषकर सावन के सोमवार को अवश्य ही करना चाहिए। भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने से व्यक्ति को संतान प्राप्ति करने की इच्छा पूरी होती है।

महादेव का दही से अभिषेक करना विशेष लाभकारी माना गया है। अगर शिवलिंग का दही से अभिषेक किया जाय तो जातक के कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है। इसके अलावा दूध से अभिषेक करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

भगवान शिव ने अपनी जटाओं में मां गंगा को धारण कर रखा है। ऐसे में जो भक्त सावन के महीने में शिवजी का अभिषेक गंगाजल से करता है शिवजी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। गंगाजल से अभिषेक करने पर व्यक्ति जीवन और मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है।

भगवान शिव का रुद्राभिषेक शहद से करने का विशेष महत्व होता है। जो शिव भक्त सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव का अभिषेक शहद से करता है उसको जीवन में हमेशा मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा शहद से अभिषेक करने पर व्यक्ति की वाणी में पैदा दोष खत्म हो जाता है और स्वभाव में विनम्रता आती है।


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