दीपक और तोरण लगाते समय ध्यान रखें ये बातें

इस बार पंचपर्व दीपोत्सव त्रिपुष्कर योग में शुरू होगा. दीपोत्सव धन त्रयोदशी से भाई दूज तक चलेगा. दीपावली पर तोरण और दीपक जलाने को लेकर कुछ खास बातों को यहां जानें....

Update: 2021-11-01 07:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दीपावली को खास रूप से मां लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा अर्चना की जाती है. कहते हैं कि दिवाली पर मां लक्ष्मी घरों में आती है, यही कारण है कि कई दिन पहले से ही लोग इस त्योहार की तैयारियों में जुट जाते हैं. इस कारण से घर में साफ-सफाई, रंग-रोगन आदि को महत्व दिया जाता है. कहते हैं कि जिस घर में सफाई और साज सज्जा जैसी चीजे होती हैं, मां लक्ष्मी वहीं वास करती हैं.

दीपावली का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है. इस त्योहार को देश के हर एक कोने में मनाया जाता है. आपको बता दें कि दीपावली की सजावट में शुभता का प्रतीक तोरण और दीए को माना जाता है, इनका एक अपना विशेष महत्व होता है.वास्तु नियमों के अनुसार तोरण घर में शुभता का रूप होती है, जिससे खुशियां, सफलता और समृद्धि हमारे जीवन में दस्तक देती है.
ऐसे बांधें बंधनवार
मुख्य द्वार पर बाँधने वाले तोरण को बहुत से लोग बंधनवार भी कहते हैं. कहते हैं कि बंधनवार को मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए लगाया जाता है.यही कारण है लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए दरवाजे पर इसे बांधना शुभ माना गया है.
कैसे तोरण को द्वार पर लगाएं
जब भी आप अगर बाजार से तोरण खरीदें तो इसके रंगों आदि पर खास ध्यान दें. यदि आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व में है तो आपको हरे रंग के फूलों और पत्तियों का तोरण लगाना चाहिए इससे जीवन में खुशियां आती हैं. उत्तर के मुख्य द्वार के लिए नीले या आसमानी रंग के फूलों का तोरण लगाना चाहिए.
दक्षिण दिशा में अगर घर का प्रवेश द्वार है तो लाल, नारंगी या इससे मिलते-जुलते रंगों का ही तोरण होना चाहिए. जबकि पश्चिम दिशा के द्वार पर पीले रंग के फूलों के तोरण लाभ शुभ होता है. वहीं अगर आप चाहें तो केवल आम के पत्तों का तोरण भी लगा सकते हैं ये काफी शुभ और लाभदाक होता है. एक बात याद रखें कि ताजा फूलों अथवा पत्तियों के बंधनवार जब भी सूख जाए तो हटा देना चाहिए. सूखी या मुरझाई हुई हुई बंधनवार नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती है, और जीवन में शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ता है.
सकारात्मक ऊर्जा देता है दीपक
दीपावली की पूजा में गाय का घी दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इससे घर में सुख, समृद्धि आती है. जबकि वास्तु नियमों के अनुसार अखंड दीपक भी आप अगर आप पूजा घर में जलाती हैं तो जीवन में खुशियों का आगम होता है और मां लक्ष्मी की कृपा होती है.
दीपावली के दिन लक्ष्मीजी की पूजा के लिए उत्तर दिशा में दीपक जलाने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा की समाप्ति होती है और सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुख समृद्धि का घर में आगमन होता है.
अगर आप पूजा में मिट्टी की दीपक जलाते हैं तो वह टूटा हुआ नहीं होना चाहिए. टूटा हुई दीपक घर में अशुभ माना जाता है. गाय के घी का का दीपक जलाने से आस-पास का वातावरण रोगाणुमुक्त होकर शुद्ध हो जाता है.


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