ये चार चीज यदि मरते समय व्यक्ति के पास हों तो उसकी आत्मा को यमराज के दंड का भागी नहीं होना पड़ता
गरुड़ पुराण सिर्फ जीवन-मृत्यु और लोक-परलोक की ही बातें नहीं बताता, बल्कि व्यक्ति को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है. जानिए ऐसी चार चीजों के बारे में जो यदि मरते समय व्यक्ति के पास हों तो उसकी आत्मा को यमराज के दंड का भागी नहीं होना पड़ता.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहा जाता है कि इंसान जैसे कर्म करता है, उसका कर्मफल भी उसे अवश्य ही भोगना पड़ता है. गरुड़ पुराण में भी जीवन-मृत्यु के अलावा मरने के बाद व्यक्ति के कर्म के अनुसार उसकी जीवात्मा को स्वर्ग और नर्क भोगने की बात कही गई है. आमतौर पर सनातन धर्म में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ कराने का चलन है. माना जाता है कि ऐसा करने से मरने वाले की आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि गरुड़ पुराण को सिर्फ किसी की मृत्यु के बाद ही पढ़ा जाए या सुना जाए. इसे कभी भी पढ़ा जा सकता है क्योंकि ये सिर्फ जीवन-मृत्यु और लोक-परलोक की ही बातें नहीं बताता, बल्कि व्यक्ति को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है. गरुड़ पुराण में ये भी बताया गया है कि यदि मरते समय व्यक्ति के पास चार में से कोई एक चीज हो तो जीवात्मा को यमराज के दंड का सामना नहीं करना पड़ता. यहां जानिए कौन सी हैं वो चार चीजें.
तुलसी
आपने देखा होगा कि जब किसी की मृत्यु होने वाली होती है तो उसके परिजन कई बार मरने वाले के मुंह में तुलसी का पत्ता रख देते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी को सनातन धर्म में काफी पवित्र और पूज्यनीय माना गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार यदि मरने वाले के सिर के पास तुलसी का पौधा रख दिया जाए तो मृत्यु के पश्चात उसे यमराज के दंड से मुक्ति मिल जाती है और यदि तुलसी की पत्तियां उसके माथे पर रख दी जाएं तो प्राण छोड़ने में उसे आसानी रहती है.
गंगाजल
शास्त्रों में गंगा जल को भी मोक्ष दिलाने वाला बताया गया है. यदि प्राण निकलने से पहले किसी के मुंह में गंगाजल और तुलसी दल डाल दिया जाए तो मरने वाले की आत्मा को यमलोक में जाकर दंड नहीं भोगना पड़ता.
श्रीमद्भगवद्गीता
यदि व्यक्ति को मृत्यु का थोड़ा भी आभास हो और वो उस समय श्रीमद्भगवद्गीता या कोई अन्य ग्रंथ पढ़ते हुए अपने प्राण त्यागे तो उसे यमराज के दंड से तो मुक्ति मिलती ही है, साथ ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.
ईश्वर का नाम
सबसे आखिरी चीज है व्यक्ति के विचार. यदि मरते समय व्यक्ति मन को वैरागी बना ले और सभी को लेकर सामान्य स्थिति में आ जाए. प्राण निकलने से पहले मन में सिर्फ प्रभु के नाम का ही स्मरण रहे, तो ऐसे व्यक्ति को यमराज के दंड का सामना नहीं करना पड़ता और प्रभु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है.