मनोकामनाएं पूर्ण करता है भगवान शिव को समर्पित ये व्रत...
सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इसे चैत्र अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इसे चैत्र अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। यह बेहद शुभ दिन माना जाता है। इस अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान श्रीगणेश और कार्तिकेय की पूजा की जाती है। इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन जो भी व्यक्ति उपवास रखते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। अगर पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से बीमारियों से बचा जा सकता है। अमावस्या तिथि कालसर्प दोष पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस दिन देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उपवास किया जाता है। अमावस्या को पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और स्नान-दान का बहुत महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करना शुभफल प्रदान करने वाला है। इस दिन विवाहित स्त्री द्वारा पति के दीर्घायु की कामना के लिए व्रत का विधान है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। इस दिन भगवान सूर्य और तुलसी को अर्ध्य दें। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करें। पितरों का तर्पण दें। इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन किए गए दान से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। अमावस्या तिथि कालसर्प दोष पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना कर कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बलवान किया जा सकता है।